पेंशनरों की समस्याओं को लेकर किया मंथन
गवर्नमेंट पेंशनर्स वेलफेयर आर्गनाइजेशन की बैठक सोमवार को कलेक्ट्रेट परिसर स्थित संघ कार्यालय पर हुई जिसमें पेंशनरों की समस्याओं को लेकर विचार-विमर्श किया गया।
देवरिया: गवर्नमेंट पेंशनर्स वेलफेयर आर्गनाइजेशन की बैठक सोमवार को कलेक्ट्रेट परिसर स्थित संघ कार्यालय पर हुई, जिसमें पेंशनरों की समस्याओं को लेकर विचार-विमर्श किया गया।
अध्यक्ष देवेंद्र मणि त्रिपाठी ने कहा कि राशिकरण की सीमा 15 वर्ष के स्थान पर दस वर्ष करने की मांग लंबे समय से की जा रही है, लेकिन अभी तक शासन ने विचार नहीं किया है। इसके अलावा 80 वर्ष की अवस्था में जिन पेंशनरों को 20 फीसद का लाभ दिया जाता है। वह लाभ 70 वर्ष की अवस्था में दिया जाना चाहिए। पेंशनरों को केंद्रीय कर्मचारियों की तरह तीन फीसद भुगतान व पेंशनरों को 18 माह का 11 फीसद का एरियर का बकाया धनराशि का शासनादेश जारी किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि 17 दिसंबर को पेंशनर दिवस मनाया जाएगा। जिसकी अध्यक्षता डीएम आशुतोष निरंजन करेंगे। इस बैठक में सभी पेंशनर समय से उपस्थित होकर अपनी समस्या से अवगत कराएं। साथ ही समस्याओं के संबंध में मुख्यमंत्री, डीएम व वरिष्ठ कोषाधिकारी को पत्र लिखकर समाधान की मांग की गई। बैठक में वीरेंद्र मिश्र, राजेंद्र मणि त्रिपाठी, रामनगीना दुबे, मो.शब्बू, नागेंद्र श्रीवास्तव, नरसिंह भगवान मणि, विजयशंकर तिवारी, शिव नारायण मिश्र, अरविद तिवारी, रमेश पांडेय, आदित्य तिवारी, चंद्रकिशोर मिश्र, रमाशंकर मणि, कुबेरनाथ शुक्ला, सुरेश कुशवाहा आदि मौजूद रहे। अंडरपास का पानी नहीं निकालने पर अनशन की चेतावनी
गोरखपुर-छपरा रेल खंड पर बनकटा रेलवे स्टेशन से पूरब इंगुरी ढाले पर बने अंडरपास में महीनों से पानी भरा है। जिसके चलते राहगीरों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। क्षेत्रीय लोगों के कई बार प्रदर्शन के बाद अंडरपास के ऊपर टिनशेड तो लगा दिया गया, लेकिन पानी निकालने का कोई प्रबंध नहीं किया गया। जिला पंचायत के पूर्व सदस्य रवि कुशवाहा ने रेल महाप्रबंधक गोरखपुर को पत्र भेजकर पानी निकालने का समुचित प्रबंध करने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि अंडरपास बनने के दो साल बाद भी पानी निकालने का कोई उचित प्रबंध नहीं किया गया। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि एक सप्ताह के अंदर पानी निकासी की कोई व्यवस्था नहीं की गई तो 19 दिसंबर को अनशन किया जाएगा। जिसकी सारी जिम्मेदारी रेल प्रशासन की होगी।