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आयुष्मान कार्ड बनाने की धीमी रफ्तार,परेशान लाभार्थी

तीन वर्ष में 7.58 लाख के सापेक्ष बने मात्र 1.99 लाख आयुष्मान कार्ड अब तक 12010 मरीजों ने कराया है इलाज

By JagranEdited By: Published: Fri, 24 Sep 2021 12:03 AM (IST)Updated: Fri, 24 Sep 2021 12:03 AM (IST)
आयुष्मान कार्ड बनाने की धीमी रफ्तार,परेशान लाभार्थी
आयुष्मान कार्ड बनाने की धीमी रफ्तार,परेशान लाभार्थी

जागरण संवाददाता, देवरिया : जिले में आयुष्मान भारत योजना का बुरा हाल है। लक्ष्य के सापेक्ष पात्रों का विभाग आयुष्मान कार्ड ही नहीं बन पा रहा है ऐसे में पात्रों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। उनके लिए यह योजना बेमतलब साबित हो रही है। अधिकांश गरीबों को अभी भी नहीं पता कि आयुष्मान कार्ड कहां और कैसे बनेगा वह प्रधानमंत्री का पत्र लिए आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए अस्पतालों का चक्कर काट रहे हैं। जिले में 758780 के सापेक्ष अभी तक 199000 का ही आयुष्मान कार्ड तीन वर्ष में बनाया जा सका है।

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आयुष्मान कार्ड बनवाने के बाद अभी तक 12010 मरीजों ने इलाज करा कर इस योजना का लाभ उठाया है। जिले में प्राइवेट अस्पताल संचालकों की मनमानी से मरीजों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।

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जटिल प्रक्रिया से रुचि नहीं ले रहे जन सेवा केंद्र

आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए जन सेवा केंद्रों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। लाभार्थी का कार्ड बनाने के बाद जब कार्ड लाभार्थी को देंगे तक उनके खाते में 14 रुपये दिए जाते हैं। प्रक्रिया जटिल हैं। जिससे जन सेवा केंद्र इसमें रुचि नहीं ले रहे हैं। जिससे आयुष्मान कार्ड तेजी से नहीं बन पा रहे हैं। राशन कार्ड में दूसरा है और प्रधानमंत्री के पत्र में नाम दूसरा है। जिसकी वजह से परेशानी हो रही है। कई लाभार्थियों का राशन कार्ड नहीं बना है जिससे आयुष्मान कार्ड बनाने में परेशानी हो रही है।

औराचौरी के राम मिलन व पिड़रा के रामकृपाल के अलावा राघवनगर की माया देवी कार्ड बनवाने के लिए विभाग का चक्कर लगाती रह गई। लेकिन कार्ड नहीं बना। वजह 2011 के सर्वे में उनका नाम नहीं है। पात्रता है लेकिन सर्वें में नाम न होने कार्ड नहीं बन सका। अस्पताल करते हैं मनमानी

जिला अस्पताल, महिला अस्पताल के अलावा 16 सीएचसी व प्राइवेट 11 अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड के लाभार्थियों को इलाज की सुविधा दी गई है। प्राइवेट अस्पताल भुगतान में विलंब व बकाया होने के कारण इलाज में रुचि नहीं ले रहे। जिससे पात्रों को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। योजना के तहत पांच लाख का इलाज निश्शुल्क किया जाना है। पात्र कपिल को नहीं मिला लाभ

सलेमपुर क्षेत्र के कोल्हुआ गांव निवासी कपिल प्रसाद को इस योजना का लाभ नहीं मिल सका। उनके पैर ही हड्डी टूट गई। वह आपरेशन के लिए प्राइवेट अस्पताल पहुंचे तो सामान खरीद कर ले आने को कहा गया। ऐसे में उनका आपरेशन कर्ज लेकर दूसरे प्राइवेट अस्पताल में कराए। आयुष्मान कार्ड होने के बाद भी उन्हें इसका लाभ नहीं मिला आयुष्मान कार्ड तेजी से बनाए जा रहे हैं। इसके लिए निर्देश दिए गए हैं। जिला अस्पताल, महिला अस्पताल समेत सभी सीएचसी व प्राइवेट अस्पतालों में भी इसकी इलाज की सुविधा है। यह योजना गरीबों के लिए वरदान है।

डा. आलोक पांडेय

सीएमओ।


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