329 बेसहारा पशुओं का पालनहार बने पशुपालक
जिन पशुओं को सुपुर्द किया गया है। उन पशुओं को बेचा नहीं जाएगा और न हीं उन पशुओं को बेसहारा छोड़ेगा।
देवरिया : अब बेसहारा पशुओं को भटकना नहीं पड़ेगा। सरकार ने गोवंश सहभागिता योजना के तहत पशु आश्रय स्थलों पर रखे गए बेसहारा पशुओं को पशुपालकों को रही है। चार बेसहारा पशुओं को पालने पर पशुपालकों को सरकार द्वारा 3600 रुपये हर माह भुगतान किया जा रहा है। जिले को 393 का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसके सापेक्ष 329 बेसहारा पशुओं को पशुपालकों को सुपुर्द किया गया है। शेष बेसहारा पशुओं को सौंपने के लिए विभाग पशुपालकों को तैयार कराने में जुटा हुआ है।
योजना के तहत गोवंश आश्रय स्थल से सुपुर्द किए गए बेसहारा पशुओं के अभिलेखीयकरण की कार्रवाई ग्राम पंचायत, विकास खंड, तहसील व जिले स्तर पर की जाएगी। जिन पशुओं को सुपुर्द किया गया है। उन पशुओं को बेचा नहीं जाएगा और न हीं उन पशुओं को बेसहारा छोड़ेगा। इसके अनुश्रवण की जिम्मेदारी संबंधित, लेखपाल, पंचायत सचिव, पशुधन प्रसार अधिकारी की होगी। धनराशि संबंधित पशुपालकों के बैंक खाते में प्रतिमाह भेज दी जाएगी। इसके अलावा कोई अन्य भत्ता नहीं दिया जाएगा।
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गोवंश सहभागिता योजना के तहत एक बेसहारा पशुओं को पालने पर हर माह 900 रुपये दिया जाता है। एक पशुपालक कम से कम चार पशुओं को पाल सकता है। विभाग प्रयास कर रहा है कि अधिक से अधिक बेसहारा पशुओं को ग्रामीणों को सुपुर्द कर दिया जाय कि वे इन पशुओं को पालें।
डा. विकास साठे
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी
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