Move to Jagran APP

संचालक पर मुकदमा, दो गिरफ्तार

देवरिया: शहर के राघव नगर में बिना रजिस्ट्रेशन के संचालित हो रहे एक नर्सिंगहोम पर अपर

By JagranEdited By: Published: Wed, 06 Sep 2017 11:08 PM (IST)Updated: Wed, 06 Sep 2017 11:08 PM (IST)
संचालक पर मुकदमा, दो गिरफ्तार
संचालक पर मुकदमा, दो गिरफ्तार

देवरिया: शहर के राघव नगर में बिना रजिस्ट्रेशन के संचालित हो रहे एक नर्सिंगहोम पर अपर मुख्य चिकित्साधिकारी तहरीर पर कोतवाली पुलिस ने धोखाधड़ी समेत विभिन्न धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर लिया। मुकदमा दर्ज करने के बाद कोतवाली पुलिस ने नर्सिंगहोम पर छापेमारी की और फार्मासिस्ट समेत दो कर्मचारियों को मौके से ही गिरफ्तार कर लिया, वहीं आधा दर्जन महिलाओं को भी हिरासत में पुलिस ने ले लिया। देरशाम तक हिरासत में ली गई महिलाओं से पुलिस पूछताछ कर रही थी। उधर पुलिस के इस कार्रवाई के बाद अवैध रूप से जनपद में संचालित हो रहे नर्सिंगहोम में ताला लटकने लगा है।

loksabha election banner

शहर के राघव नगर में बहुत दिनों से ¨वध्यवासिनी नर्सिंगहोम संचालित हो रहा था। पुलिस अधीक्षक राजीव मल्होत्रा के संज्ञान में यह मामला गया तो एसपी ने मुख्य चिकित्साधिकारी से बात कर इसकी जांच कराने को कहा। जांच के लिए अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा.डीवी शाही के नेतृत्व में टीम पहुंची तो अस्पताल के कर्मचारी ताला जड़ फरार हो गए। जांच करने पर पता चला कि नर्सिंगहोम के पास कोई पंजीकरण ही नहीं है। बुधवार को अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा.डीवी शाही ने इस मामले में कोतवाली पुलिस को तहरीर दे दी। तहरीर मिलने के बाद पुलिस ने अस्पताल संचालक अज्ञात के खिलाफ धोखाधड़ी समेत विभिन्न धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर लिया। साथ ही मुकदमा दर्ज करने के साथ ही संबंधित नर्सिंगहोम पर छापेमारी की। जहां फार्मासिस्ट समेत दो कर्मचारी मिले, जबकि आधा दर्जन महिलाएं भी मिली। पुलिस ने सभी को हिरासत में ले लिया। इस बाबत कोतवाल नीतीश श्रीवास्तव ने कहा कि इस मामले में मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है। दो कर्मचारी को गिरफ्तार भी किया गया है। संचालक की तलाश की जा रही है। जल्द ही संचालक को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

--

ऐसे लगी एसपी को भनक

इस अस्पताल का नेटवर्क मरीजों के बीच आशा कार्यकर्ता के जरिये था। वह सरकारी अस्पतालों से भी आशा के माध्यम से यहां मंगा कर आपरेशन करा देता। शहर के रामगुलाम टोला निवासी आरती देवी पत्नी राकेश को भी आशा ने जिला अस्पताल से नर्सिंगहोम पहुंचा दिया और वहां चौदह हजार रुपये वसूल कर ली गई। साथ ही छह हजार रुपये की मांग की गई। इसकी सूचना पुलिस अधीक्षक तक पहुंची तो उनकी टीम ने राकेश को मदद की और टीम की सक्रियता के बाद वह चौदह हजार रुपये वापस भी कराया। साथ ही एसपी की टीम ने ही बताया कि उस अस्पताल के नाम से कोई पंजीकरण नहीं है।

-------

कमीशन पर कार्य करती हैं आशा

बहुत से निजी अस्पताल आजकल आशा कार्यकर्ता के भरोसे संचालित हो रहे हैं। अस्पताल प्रशासन आशा कार्यकर्ता को चार हजार रुपये से छह हजार रुपये तक एक आपरेशन का देता है। इसलिए आशा सरकार का कार्य करने की बजाय आजकल पैसा कमाने में जुट गई है।

----


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.