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सेना व वायुशक्ति का सामूहिक शक्ति के रूप में विकास

संत विनोबा पीजी कालेज में रक्षा अध्ययन विभाग की तरफ से व्याख्यान का आयोजन किया गया। विषय 21 वीं सदी में राष्ट्रीय सुरक्षा: भारतीय परिप्रेक्ष्य में रखा गया था। दीदउ गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुर के प्रोफेसर हरिशरण ने द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद हुए उत्तरोत्तर विकास पर विस्तार से प्रकाश डाला

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Feb 2019 11:56 PM (IST)Updated: Tue, 19 Feb 2019 11:56 PM (IST)
सेना व वायुशक्ति का सामूहिक शक्ति के रूप में विकास

देवरिया : संत विनोबा पीजी कालेज में रक्षा अध्ययन विभाग की तरफ से व्याख्यान का आयोजन किया गया। विषय 21 वीं सदी में राष्ट्रीय सुरक्षा: भारतीय परिप्रेक्ष्य में रखा गया था। दीदउ गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुर के प्रोफेसर हरिशरण ने द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद हुए उत्तरोत्तर विकास पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पहली क्रांति कृषि क्षेत्र में हुई। इसके बाद औद्योगिक क्रांति व सूचना क्रांति का विकास हुआ। राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में हमारा प्रतीरक्षात्मक, सुरक्षा का उच्चीकरण व विस्तार हुआ, जिसमें रक्षा, विकास व आपदा निवारण व्यवस्था शामिल है। देश ने सातवीं सेना व चौथी वायु शक्ति के साथ भारत एक सामूहिक शक्ति के रूप में विकास किया है। प्राचार्य डा.असीम सत्यदेव ने भारत के विविध विकास को विज्ञान व तकनीकी विकास को सरलतम विधि से प्रस्तुतीकरण के लिए धन्यवाद दिया। इस मौके पर डा.अर¨वद ¨सह, डा.नाजिश बानो, डा.वाचस्पति द्विवेदी, डा.ब्रजेश पांडेय, डा.मंशा देवी, डा.दिवाकर प्रसाद तिवारी, डा.शैलेंद्र राव, डा.भूपेश मणि आदि मौजूद रहे।

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