लॉकडाउन के दौरान 7400 बच्चे टीकाकरण से वंचित
लाकडाउन में 23 मार्च से एक मई तक बाधित रहा टीकाकरण - दो मई से लगाया जा रहा टीका छूटे बचों को टीका लगाने का सीएमओ ने दिया है निर्देश
देवरिया : लॉकडाउन के दौरान टीकाकरण का भी कार्य प्रभावित रहा। जन्म के समय लगने वाले टीके ही बच्चों को लगे। इसके अलावा 0-1 साल के बच्चों को कोई टीका नहीं लग सका। जिसे लेकर उनके अभिभावक परेशान रहे। लॉकडाउन में 7400 बच्चों को टीका नहीं लगाया जा सका। हालांकि विभाग दो मई से टीकाकरण अभियान शुरू करने के बाद उन बच्चों को प्राथमिकता के आधार टीका लगवाने का कार्य कर रहा है।
23 मार्च से एक मई तक लॉकडाउन के दौरान टीकाकरण का कार्य पूर्ण रूप से बाधित रहा। अभियान चलाकर व सीएचसी, पीएचसी पर प्रत्येक बुधवार व शनिवार को बच्चों को टीका लगाया जाता है। इस सत्र स्थलों पर टीका नहीं लगने से बच्चों के अभिभावक परेशान रहे। टीकाकरण का कार्य दो मई से शुरू हुआ है लेकिन शासन का निर्देश है कि कन्टेंमेंट जोन, हॉटस्पॉट एरिया को छोड़कर ही टीका लगाया जाय। ऐसे में हॉटस्पॉट घोषित 43 गांवों के बच्चों को अभी भी टीका नहीं लग रहा है। बच्चों को बीसीजी, पेंटा, पल्स पोलियो, एफआइपीबी, एमआर, जेई आदि के टीके लगाए जाते हैं। इसमें मिजिल्स रुबेला का टीका लगने के बाद ही बच्चे को पूर्ण प्रतिरक्षित माना जाता है। ये टीका भी बच्चों को नहीं लगा। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. डीवी शाही ने बताया कि टीके सभी जरूरी हैं। लॉकडाउन के दौरान टीका नहीं लगाने का फैसला शासन का था। जन्म लेने वाले बच्चों को बीसीजी, पल्स पोलियो व हेपेटाइटिस बी के टीके लगाए जाते रहे।
----
लॉकडाउन के दौरान छूटे बच्चों को टीका लगाने का निर्देश दिया गया है। सिर्फ हॉटस्पॉट गांवों में टीके नहीं लगाए जा रहे हैं। सीएचसी, पीएचसी व उपकेन्द्रों के सत्र स्थलों पर आशा, एएनएम बच्चों को टीका लगा रहीं हैं। जो भी छूटे हुए बच्चे हैं उनके अभिभावक अपने बच्चों का टीका प्रत्येक बुधवार व शनिवार को लगवा सकती हैं।
डा. आलोक पांडेय
सीएमओ