नहाय-खाय के साथ सूर्यषष्ठी व्रत शुरू
भगवान सूर्य की उपासना का महापर्व छठ का प्रथम चरण रविवार को व्रती महिलाओं द्वारा नहाय-खाय के साथ ही शुरू हो गया। आज के दिन यानी काíतक शुक्ल पक्ष चतुर्थी को सुबह उठने के बाद व्रती महिलाओं ने स्नान किया, उसके बाद अन्न ग्रहण किया। 13 नवंबर (मंगलवार) की शाम को अस्ताचलगामी तथा 14 नवंबर (बुधवार) को ऊगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही छठ व्रत संपन्न होगा
देवरिया : भगवान सूर्य की उपासना का महापर्व छठ का प्रथम चरण रविवार को व्रती महिलाओं द्वारा नहाय-खाय के साथ ही शुरू हो गया। आज के दिन यानी काíतक शुक्ल पक्ष चतुर्थी को सुबह उठने के बाद व्रती महिलाओं ने स्नान किया, उसके बाद अन्न ग्रहण किया। 13 नवंबर (मंगलवार) की शाम को अस्ताचलगामी तथा 14 नवंबर (बुधवार) को ऊगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही छठ व्रत संपन्न होगा।
छठ व्रत करने वाली महिलाओं ने नहाय-खाय के दिन नाखून काटने के उपरांत बाल वगैरह स्वच्छता से धुलकर स्नान किया। इसके बाद अपने लिए अलग से भोजन पकाया। खाने में संपूर्ण शाकाहारी भोजन, जिसमें अरवा चावल, चने की दाल तथा लौकी की सब्जी बनाई। इसमें तेल का प्रयोग न कर शुद्ध घी का प्रयोग किया। कई जगह व्रती महिलाओं ने खाने में सेंधा नमक का प्रयोग किया।
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खरना आज
देवरिया : सोमवार को पंचमी के दिन खरना के साथ सूर्यषष्ठी व्रत का द्वितीय चरण आरंभ हो जाएगा। इस दिन व्रती महिलाएं आंशिक उपवास रहेंगी, यानी दिन में व्रत रहने के उपरांत शाम को स्वच्छता से धुले स्थान पर चूल्हे को स्थापित कर अक्षत, धूप, दीप व ¨सदूर से उसकी पूजा करेंगी। प्रसाद के लिए रखे हुए आटे से फुल्के तथा साठी की खीर बनाएंगी। इसे रसियांव-रोटी भी कहा जाता है। बाद में चौके में ही खरना करेंगी।
रोटियां बनाने के बाद बचे हुए आटे से एक छोटी सी रोटी या टिकड़ी बनाकर रखेंगी, जिसे ओठंगन कहते हैं। तीसरे दिन व्रत की समाप्ति पर इस रोटी को खाकर व्रत तोड़ेंगी। खरना के बाद व्रती महिलाएं साफ-सुथरे बिस्तर पर सोएंगी।
खरना के पूर्व व्रती महिलाएं हथेली के आकार की बनी हुई तस्तरी में धूप देने के बाद थाली में परोसे हुए सभी सामान में से थोड़ा-थोड़ा लेकर डालती हैं। इसे अग्नि जिमाना कहते हैं। उसके बाद अग्रासन या गऊग्रास निकाल कर ही महिलाएं भोजन करती हैं। व्रतियों के भोजन के बाद परिवार के सभी सदस्यों में प्रसाद स्वरूप बाटेंगी। इस प्रसाद का महत्व इतना अधिक होता है कि दूर-दराज के लोग भी इसे पाने के लिए आते हैं।
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पहले दिन हुई आंशिक खरीदारी
देवरिया : छठ पर्व को लेकर जहां बाजारों में चहल-पहल बढ़ गई है वहीं शहर के प्रमुख स्थानों पर दुकानें भी सज गई हैं। रविवार को बाजार में व्रती महिलाओं द्वारा छठ पूजा संबंधी सामानों की आंशिक खरीदारी की गई। सोमवार व मंगलवार को जमकर खरीदारी होने की उम्मीद है। नहाय-खाय करने के उपरांत व्रती महिलाएं अपने आस-पास की अन्य महिलाओं के साथ बाजारों की तरफ रुख कीं और छठ पर्व से संबंधित सामान, जिनमें प्रमुख रूप से गागल नींबू, नारियल, सेव, अनानास, सिघाड़ा व केला के घौंद आदि की खरीदारी कीं। कई महिलाओं ने कोसी, सूप व दउरा की भी खरीदारी की। जनपद के विभिन्न बाजारों में जहां दुकानदार पर्व से संबंधित सामग्रियों को सजाकर बेचते नजर आए, वहीं खरीदारों की भी भारी भीड़ देखी गई।
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नगर से लेकर ग्रामीण इलाकों में छठ महापर्व की धूम
रुद्रपुर, देवरिया: बाजारों में छठ महापर्व की तैयारियां शुरू हो गई हैं। छठ पूजा से संबंधित दुकानें सजनी शुरू हो गई हैं। बाजारों व घरों में छठ गीतों की गूंज सुनाई दे रही है। नगर के बसस्टेशन, जमुनी चौराहा, आदर्श चौराहा, सेमरौना चौराहे पर देर शाम तक पूजन सामग्री के लिए खरीदारों की भारी भीड़ लगी रही। सेमरौना घाट सहित अन्य पूजा स्थलों पर वेदी के रंग-रोगन का कार्य भी लोगों ने किया। लोगों को जाम की समस्या से भी जूझना पड़ा। ग्रामीण इलाकों रामलक्षन, पचलड़ी, एकौना, नरायनपुर चौराहे पर भी लोग छठ पूजा सामग्री खरीदते देखे गए। यहां पर भी दुकानदारों ने बड़ी संख्या में दुकानों को सजाया है। हमारे रामलक्षन, एकौना, पचलड़ी, पकड़ी बाजार, उसरा बाजार संवाददाता के अनुसार क्षेत्र में छठ पर्व को लेकर लोगों में उत्साह है। लोग इसकी तैयारी में जुट गए हैं।