बालाजी मंदिर में धूमधाम से मनाया गया अन्नकूट महोत्सव
शहर के कसया रोड के रामानुजाचार्य मार्ग पर स्थित तिरुपति बालाजी मन्दिर में श्रीगोवर्धन पूजा अन्नकूट महोत्सव धूम-धाम से मनाया गया। महोत्सव में अयोध्या, काशी, प्रयागराज, वृन्दावन, सिद्धाश्रम आदि स्थानों से पहुंचे एक ह•ार से अधिक साधु-संतो ने भाग लिया। सुबह आध्यात्मिक वातावरण में प्रात: काल विश्वरूप दर्शन, मंत्र पुष्प, सवारी, शात्तुमोरै के साथ सेवाकाल गोष्ठी-प्रसाद वितरण किया गया
देवरिया : शहर के कसया रोड के रामानुजाचार्य मार्ग पर स्थित तिरुपति बालाजी मन्दिर में
श्रीगोवर्धन पूजा अन्नकूट महोत्सव धूम-धाम से मनाया गया। महोत्सव में अयोध्या, काशी, प्रयागराज, वृन्दावन, सिद्धाश्रम आदि स्थानों से पहुंचे एक ह•ार से अधिक साधु-संतो ने भाग लिया। सुबह आध्यात्मिक वातावरण में प्रात: काल विश्वरूप दर्शन, मंत्र पुष्प, सवारी, शात्तुमोरै के साथ सेवाकाल गोष्ठी-प्रसाद वितरण किया गया।
संपूर्ण जनपद का मंगल हो, सभी में समरसता बनी रहे, इस उद्देश्य को ध्यान में रखकर श्रीतिरुपति बालाजी मन्दिर के निमन्त्रण पर •ालिाधिकारी देवरिया अमित किशोर तथा •ालिाधिकारी कुशीनगर डा. अनिल कुमार ¨सह ने समवेतरूप श्रीगोवर्धन जी एवं गाय का विधि विधान से पूजन किया। तमिलनाडु परंपरा का नादस्वर तथा भजन कीर्तन नगाड़े के ध्वनि के बीच भगवान् श्रीकृष्ण की सवारी निकली, जिसे दोनों •ालिाधिकारी लेकर चल रहे थे।
सन्तों की सभा के बीच प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री सूर्यप्रताप शाही श्रीवेंकटेश्वर भगवान के अन्नकूट भोग एवं महा आरती के समय सपत्निक शामिल हुए और विधि विधान से पूजा किया। उन्हें मंदिर की तरफ से तिरुपति बालाजी का पाग पहनाकर सम्मानित किया गया।
जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी राजनारायणाचार्य ने सम्बोधित करते हुये कहा कि पूर्ण ब्रह्म श्रीकृष्ण ने रूढ़ीवाद को समाप्त कर व्रजवासियों को बताया कि जिससे आसानी से आजीविका चले उसके प्रति कर्तव्यनिष्ठ होकर उसी की पूजा करनी चाहिए। देवराज इन्द्र की पूजा बंद करवाकर उन्होंने श्रीगोवर्धन पर्वत की पूजा करवाई थी, उसी उपलक्ष में यह आयोजन बालाजी मंदिर भक्ति वाटिका में किया गया। जिसमें ह•ारों भक्तों ने भंडारा प्रसाद ग्रहण किया। इस दौरान आयोजक
श्री लक्ष्मीवेंकटेश्वर देवस्थानम् की तरफ से कंबल वितरण किया गया। स्वामी रामनारायणा चार्य जी महराज की पुस्तक का विमोचन जिलाधिकारी ने किया।
यहां मुख्य रूप से स्वामी हरि प्रपन्ना ली महराज, संजय जाखोदिया, देवदत्त केजरीवाल, अशोक अग्रवाल, चन्द्र शेखर मिश्र, रमेश बरनवाल, संतोष बरनवाल, आनंद कुमार अग्रवाल, प्रदीप स्वामी, मुक्तिनाथ आदि मौजूद रहे।