सीबीआइ ने दाखिल की पूरक चार्जशीट
देवरिया में बालगृह बालिका कांड में सीबीआई ने जांच के बाद चार्जशीट दाखिल की है।
देवरिया: जिले के चर्चित बाल गृह बालिका कांड की जांच कर रही सीबीआइ ने सोमवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट भूपेंद्र प्रताप के न्यायालय में एक मामले में पूरक चार्जशीट दाखिल की है। इससे मुख्य आरोपित गिरिजा त्रिपाठी की मुश्किलें बढ़ रही हैं। हालांकि इस समय गिरिजा समेत अधिकांश आरोपित जमानत पर जेल से बाहर हैं।
संस्था की मान्यता रोके जाने के बाद 31 जुलाई 2018 को जिला प्रोबेशन अधिकारी प्रभात कुमार टीम के साथ बालगृह खाली कराने गए थे। जहां गिरिजा व उसकी बेटी कंचनलता ने उनसे दुर्व्यवहार किया। इस मामले में प्रभात कुमार की तहरीर पर कोतवाली पुलिस ने दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। चार्जशीट में कहा है कि आरोपितों ने मां विध्वासिनी नाम से एनजीओ खोला था। शासकीय अधिकारियों के आदेशों की अवहेलना की। शासन के आदेश के बावजूद बालगृह में रखी गई लड़कियों को दूसरी जगह नहीं भेजने दिया। जांच में बढ़ती गई धारा
मुकदमा दर्ज करने के बाद कोतवाली पुलिस ने पहले जांच की। जांच के बाद कोतवाली पुलिस ने सरकारी कार्य में व्यवधान व जेजे एक्ट के तहत चार्जशीट दाखिल की थी। इसकी विवेचना एसआइटी ने की तो सरकारी कार्य में व्यवधान, जेजे एक्ट, धोखाधड़ी व जालसाजी की धारा शामिल की गई। इस मामले की जांच कर रही सीबीआइ
पांच अगस्त 2018 को तत्कालीन एसपी ने बाल गृह बालिका कांड का पर्दाफाश किया था। इस मामले में गिरिजा, उसकी बेटी कंचनलता, पति मोहन समेत कई लोग जेल भेजे गए। बाद में मामले की विवेचना एसआइटी ने की। अब सीबीआइ जांच कर रही है।