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आयुष आपके द्वार चिकित्सा शिविर का आयोजन

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कुटुंब प्रबोधन के जिला संयोजक कमलेश ने कहा कि आज लोगों में आयुर्वेद और योग के प्रति जागरूकता बढ़ी है। आयोजन विकास खंडवार किए जा रहे हैं। योग वेलेनेश सेंटर मौना गढ़वा के योग प्रशिक्षक यतेंद्र सागर विश्वकर्मा ने लोगों को योग कराया और योग की जानकारी दी।

By JagranEdited By: Published: Sat, 06 Feb 2021 11:27 PM (IST)Updated: Sat, 06 Feb 2021 11:27 PM (IST)
आयुष आपके द्वार चिकित्सा शिविर का आयोजन
आयुष आपके द्वार चिकित्सा शिविर का आयोजन

देवरिया: आयुर्वेद विभाग के तत्वावधान में शनिवार को आयुष आपके द्वार चिकित्सा शिविर का आयोजन भदिला दोयम में हुआ। शिविर में एनेमिया,नेत्र सहित अन्य रोगियों की जांच कर दवा दी गई। दो सौ मरीजों की जांच कर दवाईयां बांटी गई।

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मुख्य अतिथि मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा.आलोक कुमार पांडेय ने कहा कि आज दुनिया में लोग भारतीय संस्कृति व भारतीय चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद की प्रसंशा कर रहे हैं। ऐसे आयोजन से लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता होती हैं। कोरोना काल में विश्व में आयुर्वेद की दवाएं कारगर सिद्ध हुई हैं। रोग प्रतिरोधक क्षमता के विकास के लिए अश्वगंधा चूर्ण, गिलोय घनवटी, विटामिन सी युक्त भोज्य पदार्थ नींबू, संतरा, आंवला आदि का सेवन करें। कहा कि स्वस्थ जीवन शैली, योग और आयुर्वेद को अपनाकर हम अपने को मजबूत रख सकते हैं।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कुटुंब प्रबोधन के जिला संयोजक कमलेश ने कहा कि आज लोगों में आयुर्वेद और योग के प्रति जागरूकता बढ़ी है। आयोजन विकास खंडवार किए जा रहे हैं। योग वेलेनेश सेंटर मौना गढ़वा के योग प्रशिक्षक यतेंद्र सागर विश्वकर्मा ने लोगों को योग कराया और योग की जानकारी दी। आभार शैलेंद्र कुमार शर्मा ने व्यक्त किया। आरोग्य भारती, राजकीय आयुर्वेदिक अस्पताल मौना गढ़वा के चिकित्सकों ने लोगों की जांच कर दवा और सलाह दी। डा. गोविद कुमार वर्मा,मिर्जा जावेद, नीतू, पूजा पांडे, गनेश,अयोध्या आदि मौजूद रहे।

आपदा पहुंचाने में राजस्व विभाग की भूमिका महत्वपूर्ण

जिला ग्राम्य विकास संस्थान देसही देवरिया में शनिवार को तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन हो गया। लेखपालों को आपदा प्रबंधन के संबंध में जानकारी दी गई। जिला विकास अधिकारी श्रवण कुमार राय ने कहा कि आपदा के समय सबसे पहले लेखपाल व राजस्व विभाग के लोग सक्रिय होते हैं। उनकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। केंद्र व प्रदेश सरकार की तरफ से आपदा के समय राहत व बचाव कार्य किए जाते हैं, जिसमें राजस्व विभाग के कर्मचारी पूरा सहयोग करते हैं। राज्य प्रशिक्षक व वरिष्ठ वक्ता डा. मजहर रशीदी ने सहभागी ग्रामीण आंकलन (पीआरए) व समुदाय आधारित योजना प्रबंधन पर विचार रखा। कहा कि पीआरए का उद्देश्य समुदाय आधारित योजना निर्माण है। यह न केवल अभ्यास है, बल्कि इससे सूचनाएं व विचार उत्पन्न होते हैं। सूचनाओं की विवेचना व स्थानीय लोग करते हैं। आपदा प्रबंधन के लिए जनजागरण अभियान चलाया जाए तो योजना बनाने में काफी मदद मिल सकती है। आपदा प्रबंधन में समुदाय आधारित रवैया अपनाने से फायदे हैं। प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को आपदा प्रबंधन योजना बनाने, आपदा की व्यवहारिक ज्ञान के लिए ग्राम पंचायत हरपुर विकास खंड तरकुलवा ले जाया गया। जहां प्रभारी अभिषेक मणि ने पीआरए के माध्यम से एचआरवीसी मैपिग पर चर्चा की गई। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के फील्ड कोआर्डिनेटर बृजेश कुमार पांडेय ने तीन समूह बनाकर जोखिम, खतरे व कमजोरियों पर चर्चा की। प्रेम भूषण सहाय, सोमनाथ शर्मा ने भी विचार व्यक्त किए।


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