आंसुओं के सैलाब व गुस्से के ज्वार का गवाह बना छपिया जयदेव
हजारों दिलों में गुस्से का ज्वार था तो आंखों में आंसुओं का सैलाब। दो दिन से लोग शहीद के पार्थिव शरीर के आने का इंतजार कर रहे थे। शहीद के गांव से लेकर इलाके के गांवों में मातम पसरा था। हर किसी की जुबान पर विजय कुमार मौर्य का शौर्यगाथा था। युवाओं की टोली पाकिस्तान मुर्दाबाद व शहीद विजय कुमार अमर रहे के नारे लग रहे थे
देवरिया : हजारों दिलों में गुस्से का ज्वार था तो आंखों में आंसुओं का सैलाब। दो दिन से लोग शहीद के पार्थिव शरीर के आने का इंतजार कर रहे थे। शहीद के गांव से लेकर इलाके के गांवों में मातम पसरा था। हर किसी की जुबान पर विजय कुमार मौर्य का शौर्यगाथा था। युवाओं की टोली पाकिस्तान मुर्दाबाद व शहीद विजय कुमार अमर रहे के नारे लग रहे थे। खून का बदला खून लेने की आवाज बुलंद हो रही थी। जोशीले नारे व तिरंगा हाथ में लिए नौजवान अपने साथी विजय कुमार मौर्य की शहादत पर फº जता रहे थे। साथ ही पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे थे। यह नजारा शहीद के गांव छपिया जयदेव का था।
शनिवार की दोपहर का वक्त था। भटनी नगर के नकहनी चौराहा पर युवाओं की टोली पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगा रही थी। सड़क पर बैठे युवाओं के चेहरे पर पाकिस्तान के खिलाफ न केवल नफरत के भाव थे बल्कि शहादत का बदला लेने की मांग थी। इस रास्ते सैकड़ों की संख्या में लोग शहीद के गांव की तरफ बढ़े जा रहे थे। इनका जोश व जज्बा देखने लायक था। करीब तीन बजे पार्थिव शरीर भटनी के नकहनी चौराहा पर पहुंचा। यहां से सैकड़ों की संख्या में युवा शहीद के पार्थिव शरीर के साथ पैदल ही गांव की तरफ चल दिए। करीब डेढ़ किलोमीटर लंबा काफिया व देशभक्ति के जोशीले नारे रोंगटे खड़े कर रहे थे।
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एक मई 2017 को भाटपाररानी के टीकमपार निवासी व जम्मू-कश्मीर के सांभा सेक्टर में तैनात बीएसएफ में हवलदार प्रेमसागर की शहादत की खबर आई। दो जून 2018 की रात बांसपार बैदा निवासी बीएसएफ जवान सत्यनारायण यादव जम्मू-कश्मीर के अखनूर सेक्टर में पाकिस्तान की गोलीबारी में शहीद हुए थे। अभी इसे लोग भूले नहीं थे कि विजय कुमार मौर्य के शहीद होने की खबर गुरुवार की रात गांव में पहुंची।
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