अधिवक्ता हड़ताल पर, पांच सूत्री ज्ञापन सौंपा
उत्तर प्रदेश बार कौंसिल के आह्वान पर अधिवक्ता संगठनों ने सोमवार को बैठक कर न्यायिक कार्य ठप कर दिया। अधिवक्ताओं ने प्रधानमंत्री को संबोधित पांच सूत्रीय ज्ञापन अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व को सौंपा।
देवरिया: उत्तर प्रदेश बार कौंसिल के आह्वान पर अधिवक्ता संगठनों ने सोमवार को बैठक कर न्यायिक कार्य ठप कर दिया। अधिवक्ताओं ने प्रधानमंत्री को संबोधित पांच सूत्रीय ज्ञापन अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व को सौंपा। अधिवक्ताओं की हड़ताल के कारण वादकारियों को बैरंग वापस लौटना पड़ा, वहीं जेल से बंदी वाहन भी नहीं आया, जिसके कारण बंदियों की उपस्थिति जेल में वीडियो कांफ्रें¨सग के जरिये कराई गई।
डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन, जिला कलेक्ट्रेट एसोसिएशन, दी कलेक्ट्रेट सेंट्रल बार एसोसिएशन, तहसील बार एसोसिएशन सदर, सलेमपुर, भाटपाररानी, बरहज, रुद्रपुर, जिला ट्रांसपोर्ट बार एसोसिएशन, टैक्स बार एसोसिएशन के अध्यक्ष साढ़े दस बजे दीवानी कचहरी पहुंचे, जहां अधिवक्ताओं ने आम सभा कर सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सबसे अधिक राजस्व अधिवक्ताओं द्वारा दिया जाता है। जबकि सरकार अधिवक्ताओं को कोई सुविधा उपलब्ध नहीं करा रही है। सरकार ने अपने घोषणा पत्र में अधिवक्ताओं को सुविधा देने का वादा किया था। ऐसे में सरकार की कुभकर्णी नींद तोड़ने को अधिवक्ता सड़क पर उतरने को मजबूर हुए हैं। अधिवक्ताओं की मांग है कि सरकार हायर एजुकेशन बिल वापस ले, सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश में अधिवक्ता के अधिकारों से कटौती हटाया जाए तथा उन पर लगाया गया प्रतिबंध समाप्त किया जाए। नए अधिवक्ताओं को पांच साल तक दस हजार रुपये स्टाइपेन तथा अधिवक्ता कल्याण बीस लाख रुपये करने तथा समस्त अधिवक्ताओं की बैठने की व्यवस्था की जाए। इस दौरान अध्यक्ष ¨सहासन गिरी, प्रेम नारायण मणि, भारत भूषण गुप्त, रत्नेश श्रीवास्तव, सुशील ओझा, आनंद कुमार ¨सह, कमलेश चंद्र, सुभाष चंद्र राव, संत शरण तिवारी, रामनगीना यादव, ओमप्रकाश ¨सह, राकेश कुमार मिश्र, बीबी ¨सह समेत अन्य अधिवक्ता मौजूद रहे।