आजादी की लड़ाई में मौलाना अबुल कलाम आजाद का योगदान महत्वपूर्ण
दीनानाथ पांडेय राजकीय महिला पीजी कालेज में मौलाना अबुल कलाम आजाद का जन्मदिवस को रविवार को राष्ट्रीय शिक्षक दिवस के रूप में मनाया गया। इस मौके पर छात्राओं ने उनके सामाजिक, धाíमक व राष्ट्रीय योगदान की चर्चा की गई
देवरिया : दीनानाथ पांडेय राजकीय महिला पीजी कालेज में मौलाना अबुल कलाम आजाद का जन्मदिवस को रविवार को राष्ट्रीय शिक्षक दिवस के रूप में मनाया गया। इस मौके पर छात्राओं ने उनके सामाजिक, धाíमक व राष्ट्रीय योगदान की चर्चा की गई। वक्ताओं ने कहा कि वे एक कवि, लेखक, पत्रकार और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। भारत छोड़ो आंदोलन में जेल भी गए। आजाद भारत के वे पहले शिक्षामंत्री बनाए गए थे।
मुख्य अतिथि उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग की सदस्य डा.शाहीन चिश्ती ने उनकी उपलब्धियों का विस्तार से बखान किया। प्राचार्य डा.अंजलिका निगम ने उनके आदर्शों को अपने जीवन में उतारने व उनके बताए रास्ते पर चलने के लिए छात्राओं को प्रोत्साहित किया। डा.उषा श्रीवास्तव ने समाजसेवा से जुड़े उनके विचारों से छात्राओं को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि समता, समानता और न्याय उनके जीवन का मुख्य लक्ष्य रहा। बीए तृतीय वर्ष की छात्रा नमिता अल्फ्रेड ने उनके राजनीतिक विचारधारा पर प्रकाश डाला। बीए तृतीय वर्ष की छात्रा अपूर्वा त्रिपाठी ने राष्ट्रीय सरोकारों से सबको अवगत कराया। शिखा मद्धेशिया व अंशिका यादव ने शैक्षिक योगदान के बारे में बताया। कार्यक्रम में राखी भारती, ध्रुव नारायण वर्मा, दिनेश रावत ने भी विचार रखे। इस मौके पर माया भारती, सलोनी तिवारी, अपूर्वा त्रिपाठी, शीतल वर्मा, गर्विता राय, आकृति यादव, निशा मल्ल, खुशी गुप्ता, अंजलि ¨सह, बबली वर्मा, रुबी चौरसिया आदि मौजूद रहीं।