दशरथ के घर बजने लगीं बधाइयां : सच्चिदानंद
देवरिया : क्षेत्र के बाबा परमहंस उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय प्रांगण में रामकथा का रसपान कराते हुए म
देवरिया : क्षेत्र के बाबा परमहंस उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय प्रांगण में रामकथा का रसपान कराते हुए माता सच्चिदानंद ने भक्तों को कथा का रसपान कराते हुए कहा कि अयोध्या में राम के जन्म को लेकर बधाइयां बजने लगीं। समूचा नगर में भगवान राम की जयकार होने लगी। वहीं असुरों की प्रताड़ना से साधु संत आहत हो चुके थे। जब उन्हें यह पता चला कि यमुना के तट पर भगवान ने अवतार ले लिया है। उनके खुशी ठिकाना नहीं रहा।
मानस कोकिला ने कहा कि राजा दशरथ के घर एक साथ चार बच्चों की किलकारी गुंज उठी। धीरे-धीरे यह बालक बड़े हुए। एक दिन महर्षि विश्वामित्र राजा के दरबार में यज्ञ की रक्षा के लिए उनसे राम-लक्ष्मण को मांगने आ गए। ऋषि के विचार सुन राजा दशरथ पुत्रमोह में पड़ गए। ऋषि को क्रोधित हो गए। कुल पुरोहित गुरु वशिष्ठ के कहने पर राजा ने राम व लक्ष्मण को उनके साथ जाने दिया। राम और लक्ष्मण ने आतताई राक्षसों का संहार कर यज्ञ की रक्षा की। उन्होंने कहा कि भगवान के नाम मात्र जपने से मानव का कल्याण संभव है। कोकिला ने भगवान की अन्य लीलाओं का विस्तार रूप से वर्णन कर श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। इस अवसर पर प्रसिद्ध नारायण राव उर्फ बब्बी, जगदीश राव, शैलेंद्र प्रताप ¨सह, सच्चिदानंद राव, नागेंद्र नाथ शर्मा, श्यामनारायण गोड़, र¨वद्र जायसवाल, परशुराम यादव, सुनील तिवारी, अखिलेश तिवारी सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।