मनरेगा ने बदली महिलाओं की जीवन शैली
देवरिया : एक एक रुपये के लिए मोहताज ग्रामीण महिलाओं के लिए मनरेगा वरदान साबित हुई है। योजना से मिले
देवरिया : एक एक रुपये के लिए मोहताज ग्रामीण महिलाओं के लिए मनरेगा वरदान साबित हुई है। योजना से मिले रोजगार ने इनकी जीवन शैली बदल दी। महिलाएं काम करके खुद व अपने परिवार का भरण-पोषण कर रही हैं। उधर आधा दर्जन से अधिक ग्राम पंचायतें 33 फीसद महिलाओं को रोजगार मुहैया कराकर रिकार्ड बनाया है, जिसमें भलुअनी विकास खंड अव्वल है। इससे लग रहा है कि गांवों में महिलाओं को काम मिलने लगा है।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना से सरकार ने महिलाओं की आर्थिक स्थिति सुधार करने के लिए कमर कस ली है। माह अप्रैल से 26 अक्टूबर तक 7 लाख 24 हजार 918 मानव दिवस सृजित किया गया, जिसमें 1 लाख 75 हजार 795 महिला मानव दिवस सृजित कर लक्ष्य का 24 प्रतिशत जिले ने उपलब्धि हासिल कर लिया है।
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ब्लाकवार महिला मानव दिवस
ब्लाक मानव दिवस महिला
बैतालपुर 34920 3990
बनकटा 55498 9525
बरहज 33604 10441
भागलपुर 18365 2351
भलुअनी 124958 33155
भटनी 34673 7489
भाटपाररानी 20084 2056
देवरिया 43174 8387
देसही 49695 11593
गौरीबाजार 55730 13267
लार 27532 6951
पथरदेवा 36320 9457
रा.कारखाना 47108 12006
रुद्रपुर 62148 23175
सलेमपुर 30811 4786
तरकुलवा 50298 15466
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योग 724918 175795
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महिलाओं ने कहा-मनरेगा वरदान
देवरिया : पथरदेवा विकास खंड क्षेत्र की बघौचघाट में राधिका देवी, लक्ष्मी देवी, सुगंती व बिजनी कहती है कि मनरेगा से हम लोगों की पहचान है। हम लोग अपनी मेहनत से घर का खर्च चला ले रहे हैं। बजरहां निवासी निर्मला देवी, मलवाबर की इमीरती, लालती, भगमनिया, सावित्री कहती है कि पहले दो जून की रोटी के लिए दिक्कत होती थी, लेकिन अब मनरेगा में काम करके परिवार का भरण पोषण करने में हम सब सक्षम हैं।
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''मनरेगा के तहत जॉबकार्ड धारकों को रोजगार मुहैया कराने के लिए ग्राम पंचायतों व संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि अधिक से अधिक महिला मानव दिवस सृजित करावें, ताकि उनकी आर्थिक स्थिति सुधर सके।''
-कै.आलोक शेखर तिवारी
मुख्य विकास अधिकारी
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