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आप जमीन दीजिए, छात्रावास सरकार बनवाएगी

जागरण संवाददाता, चित्रकूट : सरकारी, अर्ध सरकारी, शासन से सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं के

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Dec 2018 10:11 PM (IST)Updated: Sun, 23 Dec 2018 10:11 PM (IST)
आप जमीन दीजिए, छात्रावास सरकार बनवाएगी
आप जमीन दीजिए, छात्रावास सरकार बनवाएगी

जागरण संवाददाता, चित्रकूट : सरकारी, अर्ध सरकारी, शासन से सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं के लिए प्रदेश सरकार ने बेहतर पहल की है। दूर-दराज से आने वाले छात्र-छात्राओं के लिए एक करोड़ रुपये से छात्रावास का निर्माण कराने की तैयारी है। इसमें 90 फीसद राज्य सरकार और दस फीसद शिक्षण संस्था को खर्च करने होंगे। इसके लिए शिक्षण संस्थाओं को ही जमीन उपलब्ध करानी होगी। जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी ने डीएम, सीडीओ व डीआइओएस को पत्र लिखकर प्रस्ताव मांगे हैं। 25 दिसंबर तक तीन प्रतियों में प्रस्ताव उपलब्ध कराने हैं।

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केंद्र व राज्य सरकार देगी धनराशि

वर्ष 2018-19 के लिए केंद्र पुरोनिधानित योजना अंतर्गत छात्रावास निर्माण की लागत का 50 फीसद अंश केंद्र सरकार देगी जबकि 40 फीसद राज्य सरकार मिलाकर संस्था को 90 फीसद रकम मुहैया कराएगी। नए शिक्षण सत्र तक निर्माण पूरा कराना होगा।

इन संस्थाओं से मांगे गए प्रस्ताव

राजकीय शैक्षणिक संस्थाओं में इंजीनिय¨रग कॉलेज, मेडिकल, आयुर्वेदिक व होम्योपैथिक कॉलेज, विश्वविद्यालय, पॉलीटेक्निक, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, शासकीय व अर्ध शासकीय डिग्री कॉलेज। ऐसे शिक्षण संस्थानों को मिलेगी प्राथमिकता

- बाहर के छात्र-छात्राओं की संख्या ज्यादा हो।

- बिना विवाद और समतल जमीन वाली संस्था।

- लागत की दस फीसद धनराशि खर्च करने की क्षमता।

- भूमि के मालिकाना हक संबंधी लिखित अनुबंध जरूरी।

- ग्रामीण व दूर-दराज क्षेत्रों में स्थित शिक्षण संस्थाएं। ऐसे होगा चयन

- प्रस्ताव के आधार पर टीम पहले स्थलीय निरीक्षण करेगी।

- मानक पूरे होने व ज्यादा जरूरत वाली संस्था को प्राथमिकता।

- पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की सभी तय शर्ते पूरी करने पर।

- डीएम-सीडीओ व डीआइओएस की सहमति भी बनेगा आधार।

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क्या कहते हैं अधिकारी

निदेशक पिछड़ा वर्ग कल्याण उप्र शासन लखनऊ की ओर से छात्रावास निर्माण के लिए प्रस्ताव मांगे गए हैं। जरूरत पड़ने पर अंतिम तारीख बढ़ाई जा सकती है। राजकीय संस्थाओं को प्राथमिकता दी जाएगी।

- श्याम सुंदर इकनौरिया, जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी


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