¨जदगी मौत के बीच संघर्ष कर रही आंचल
हादसा फालोअप : -इलाहाबाद के निजी अस्पताल में भर्ती, 36 घंटे से बेहोश -बहन की भी हादसे
हादसा फालोअप :
-इलाहाबाद के निजी अस्पताल में भर्ती, 36 घंटे से बेहोश
-बहन की भी हादसे में हो चुकी मौत, परिजन दिखे बेहाल जागरण संवाददाता, चित्रकूट : बरगढ़ इलाके में सुचेता कालोनी के पास हादसे का शिकार हुई आंचल को घटना के 36 घंटे बाद भी वह बेहोशी की हालत में है। इलाहाबाद के एक निजी अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है। हालांकि चिकित्सकों ने उसे अब खतरे से बाहर बताया है। उसकी एक बहन की दुर्घटना में मौत हो गई थी। मंगलवार को परिजन उसके अंतिम संस्कार में लगे रहे।
झांसी-मीरजापुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर सोमवार को डंपर व टेंपो के बीच जबरदस्त टक्कर में सात छात्राओं समेत नौ लोगों की मौत हो गई थी जबकि एक मात्र छात्रा आंचल की जान बची है। उसे गंभीर हालत में इलाहाबाद स्थित जीवन ज्योति अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना के बाद से उसके चेहरे पर खौफ साफ दिखाई पड़ रहा है। परिजनों ने बताया कि वह कभी फटी आंखों से छत की तरफ देखती है तो कभी सेवा करने में लगे परिजनों की ओर। उसकी आंखें के आंसू सूख चुके हैं। वह अभी तक बेहोशी की हालत में है। बीच-बीच में होश आने पर सिर्फ एकटक देखने की हालत में रहती है। वह सिर्फ छाया का नाम लेकर बेसुध हो जाती है। उसकी देखरेख में लगे रिश्तेदार बुद्धिमान ने बताया कि मंगलवार की सुबह उसको कुछ देर के लिए होश आया था पर किसी को पहचाना नहीं। दर्द की जानकारी जरूर दी थी।
माता-पिता की तलाश
रिश्तेदार के मुताबिक घायल आंचल की आंखें मंगलवार सुबह अपने पिता छेदी लाल मौर्य और मां को देखने के लिए उतावली नजर आईं। लाचार माता-पिता अपनी घायल बेटी के पास नहीं पहुंच पाए। एक ओर उनकी एक बेटी की लाश पड़ी थी तो दूसरे मौत से जूझ रही है। छेदीलाल ने बताया कि घायल बेटी के साथ रिश्तेदारों को भेजा है। छोटी बेटी को खेत पर दफन कर दिया है। अब वह भी इलाहाबाद के लिए निकल रहे हैं।