मानव कल्याण के लिए युगों तक याद किए जाएंगे तुलसी
जागरण संवाददाता चित्रकूट प्रभु श्रीराम की तपोभूमि में आयोजित 46वें राष्ट्रीय रामायण मेला के
जागरण संवाददाता, चित्रकूट: प्रभु श्रीराम की तपोभूमि में आयोजित 46वें राष्ट्रीय रामायण मेला के दूसरे दिन आध्यात्म, संगीत और लोक संस्कृति की धूम रही। संगोष्ठी में शोधकर्ताओं ने कहा कि मानव कल्याण के लिए रामचरित मानस लिखने वाले महाकवि गोस्वामी तुलसी दास युगों तक याद किए जाएंगे। भरत चरित्र को लोग अपने जीवन में उतारें।
प्रथम सत्र में रामकथा मर्मज्ञ इटावा के संत विश्राम दास ने भरत चरित्र की विशेषता बताई। मध्य प्रदेश के डबरा ग्वालियर के डॉ. लाल पचौरी ने राष्ट्र के प्रति समर्पण भाव बनाए रखने की अपील की। प्रयागराज के डॉ. सीताराम सिंह 'विश्वबंधु' ने रामचरित मानस के संदेशों को जीवन में उतारने की बात कही। अनुसंधानकर्ता डॉ. चन्द्रिका प्रसाद दीक्षित ने कहा कि महाकवि तुलसीदास का युगों-युगों तक स्मरण किया जाएगा। उनकी रामचरित मानस को आधार बनाकर पूरे देश में महान क्रांति का वातावरण पैदा हुआ है। भदोही से आए डॉ. उदयशंकर दुबे ने बुंदेलखंड में लिखी गई अन्य राम कथाओं पर प्रकाश डाला। औरंगाबाद के डॉ. छेदी लाल कांस्यकार ने कहा कि रामकथा को आमजन तक फैलाने के लिए राम लीलाओं का सहारा लिया गया। नाटक शैली में राम के चरित्र को लेकर जनता में भक्ति और सदाचार की स्थापना का प्रयोग काफी हद तक सफल हुआ।
लोकगीत व नृत्य पर झूम उठे लोग
छत्तीसगढ़ से आए लोक गायक ललित ठाकुर ने गीत के माध्यम से तुलसीदास की महत्ता बताई। झांसी के लोक गायक रघुबीर यादव ने भगवान राम की महिमा भजनों में बताई। 'हे कामदगिरि हमें शक्ति दो, तुमको राम दुहाई' रचना खूब सराही गई। गन्धर्व कल्चरल आर्गनाइजेशन लखनऊ के कलाकारों ने भजन पेश किया। महोबा के लखन लाल यादव व रामदास नामदेव ने हनुमान जी की महिमा का भजन सुनाया। लखनऊ के अग्निहोत्री बंधुओं ने सुर, लय, ताल का संगम पेश किया तो हर कोई भक्ति गंगा में डुबकी लगाता नजर आया। दिव्यांग विश्वविद्यालय के संगीत विभाग के आचार्य विशेष नारायण ने सुर लहरी छेड़ी तो सभी आकर्षण में बंध गए। झारखंड के रांची से आई सृष्टि धर महतो की टीम ने रोटी पुआ नृत्य का रोमांचकारी प्रदर्शन किया। जवाहरलाल नेहरू मणिपुर की डांस अकादमी, इंफाल के कलाकारों ने भारत के सुदूर पूर्व में भगवान श्रीकृष्ण लीला की व्यापकता की मनोहारी झलक का मंचन किया। वृंदावन की रासलीला के पूर्व दिल्ली के कम्यून ग्लोबल आर्ट फाउंडेशन के कलाकारों ने भगवान राम के विभिन्न प्रसंगों और लोकगीतों पर नृत्य नाटिका पेश कर मंत्रमुग्ध कर दिया।