समूह की महिलाएं आयुष काढ़ा से खोलेंगी समृद्धि के द्वार
जागरण संवाददाता चित्रकूट कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से हर कोई बचने की जद्दोजहद कर
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से हर कोई बचने की जद्दोजहद कर रहा है। विशेषज्ञ भी घर पर रहकर रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने वाले आयुष काढ़े का नियमित सेवन की सलाह दे रहे हैं। इस आपदा को उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित समूह की महिलाएं अवसर में तब्दील करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही हैं, जिससे आर्थिक स्वावलंबन के साथ कोरोना को मात दिया जा सके। वह मास्क के बाद अब आयुष काढ़ा के निर्माण में जोरों से जुटी हैं।
जिला मिशन प्रबंधक स्वप्निल सिंह ने बताया कि आपदा के समय में भी समूह की महिलाओं की आमदनी जारी रहे इसके लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। शुरु में जिले के दो समूहों में आयुष काढ़ा बनाने का काम शुरु किया गया है। जो एक दिन में चार से पांच किलो काढ़ा बना रही हैं। काढ़ा की बिक्री के लिए खाद्य औषधि विभाग से लाइसेंस मिलते ही अन्य समूहों में भी इसके निर्माण का काम शुरु कराया जाएगा। एक किलो काढ़ा में होगी डेढ़ सौ की बचत
जिला मिशन प्रबंधक स्वप्निल सिंह ने बताया कि काढ़ा बनाने में तुलसी, दालचिनी, सोंठ, कालीमिर्च व इलायची का प्रयोग किया जा रहा है। जो शरीर को स्वस्थ रखने के साथ प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने में कारगर होते हैं। एक किलो काढ़ा बनाने में करीब पांच सौ रुपये की लागत आ रही है। बाजार में 650 रुपये में उपलब्ध कराया जाएगा। एक किलो काढ़ा में डेढ़ सौ रुपये की सीधी आमदनी होगी। बताएंगे सेवन विधि और लाभ
स्वप्निल सिंह के अनुसार काढ़ा बिक्री के समय ग्राहकों को आयुष मंत्रालय द्वारा बताए गए सेवन विधि और काढ़े से होने वाले लाभ को भी बताया जाएगा। बताया कि यह काढ़ा श्वसन संक्रमण, गले के संक्रमण और सामान्य सर्दी से राहत प्रदान करने में मदद करता है। इसके अलावा शरीर की प्रतिरक्षा को बढ़ा देता है।