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मासूम से दुष्कर्म में दस वर्ष का सश्रम कारावास

जागरण संवाददाता, चित्रकूट : मासूम से दुष्कर्म करने के मामले में अपर अपर सत्र न्यायाधीश ने शनिवा

By JagranEdited By: Published: Sat, 21 Apr 2018 06:55 PM (IST)Updated: Sat, 21 Apr 2018 06:55 PM (IST)
मासूम से दुष्कर्म में दस वर्ष का सश्रम कारावास
मासूम से दुष्कर्म में दस वर्ष का सश्रम कारावास

जागरण संवाददाता, चित्रकूट : मासूम से दुष्कर्म करने के मामले में अपर अपर सत्र न्यायाधीश ने शनिवार को दस साल के सश्रम कारावास सकी सजा सुनाई। इसके अलावा उन पर बीस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। दोषी पहले से ही जेल में है।

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ज्येष्ठ अभियोजन अधिकारी दिलीप श्रीवास्तव ने बताया कि शहर के चमड़ा मंडी निवासी एक महिला ने कोतवाली कर्वी में दी गई तहरीर में कहा था कि दो अप्रैल 2014 को वह और उसके पति घर में थे तभी लगभग चार बजे शाम को पड़ोस का युवक राहुल गौतम घर आया और उसकी चार साल की बच्ची को बिस्कुट खिलाने के बहाने अपने घर ले गया। काफी देर होने पर बच्ची वापस नहीं आई तो पति के साथ वह उसके घर गई। वहां पहुंचने पर बच्ची चिल्लाते हुए मेरे पास आई और कहा कि उसके साथ गंदा काम किया है। मासूम के माता पिता को देखते ही पड़ोसी युवक भाग निकला। तहरीर पर कोतवाली कर्वी में धारा 376, 342 व पाक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। विवेचना के बाद चार्जशीट दाखिल की गई। अपर सत्र न्यायाधीश अनुरोध मिश्र ने धारा 342 के तहत एक वर्ष का सश्रम कारावास, 376 (1) में दस वर्ष का सश्रम कारावास और दस हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। इसके अलावा पाक्सो एक्ट में दस वर्ष का सश्रम कारावास और दस हजार रुपये का अर्थदंड लगाया। जेल में बिताई गई अवधि सजा में समायोजित की जाएगी। अभियुक्त घटना के बाद से ही जेल में है।


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