मंदाकिनी को प्रदूषण से मुक्ति के लिए मौन संवाद
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : गंगा को बचाने के मिशन में प्रो. जीडी अग्रवाल (स्वामी सानंद) के निधन
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : गंगा को बचाने के मिशन में प्रो. जीडी अग्रवाल (स्वामी सानंद) के निधन के बाद उनके सहयोगी मंदाकिनी गंगा को प्रदूषण मुक्त कराने के अभियान को गति देंगे। इसमें 'मौन संवाद' और उपवास कर गंगा सफाई के लिए लोगों को एकजुट किया जाएगा। जिलाधिकारी और मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर भी इस मुहिम से अवगत करा दिया गया है। नवंबर के पहले सप्ताह से ही इसकी शुरुआत कर दी जाएगी।
क्या है मौन संवाद मिशन
मौन संवाद की मुहिम स्वामी सानंद के करीबी रहे समाज सेवक अभिमन्यु भाई ने छेड़ी है। इसके तहत वे नदी के तट पर बैठकर प्रदूषण मिटाने के लिए लोगों को जागरूक करेंगे। धीरे-धीरे जागरूकता के साथ गंदगी न फेंकने का संकल्प दिलाया जाएगा।
ये है बड़ी समस्या
मंदाकिनी नदी मध्यप्रदेश सतना क्षेत्र स्थित अनुसुइया आश्रम से निकल कर राजापुर के पास यमुना नदी में मोहड़ा घाट पर मिलती है। इस दौरान नया गांव, सीतापुर, तरौंहा, कर्वी इलाके में करीब दो दर्जन नालों से गंदगी गिरती है। ग्रामीण इलाकों में शौच, पूजा अवशेष, लाखों श्रद्धालुओं द्वारा फेंकी गई सामग्री प्रदूषण बढ़ाने का काम करती है।
मंदाकिनी सफाई के लिए उठे कदम
-वर्ष 1993-94 : प्रो. जीडी अग्रवाल उर्फ स्वामी सानंद ने मुहिम छेड़ी।
-वर्ष 2007 : स्वामी सानंद ने उपवास करने के साथ शोध भी किया।
-वर्ष 2009 : गायत्री शक्तिपीठ चित्रकूट इकाई के डॉ. राम नारायण त्रिपाठी का गांव-गांव संपर्क।
-वर्ष 2010 : दर्जनों संस्थाओं ने पदयात्रा निकाल कर अभियान चलाया।
-वर्ष 2015 : बुंदेली सेना जिलाध्यक्ष अजीत ¨सह ने सदस्यों संग उठाई आवाज।
-वर्ष 2018 : विधायक चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय की कोशिश से ¨सचाई विभाग सफाई में जुटा पर राहत नहीं। मंदाकिनी को बचाने के लिए मौन संवाद की शुरुआत की गई है। इसके बाद उपवास रखा जाएगा। लोगों को जोड़कर शासन-प्रशासन की नींद तोड़ने का काम करेंगे।
-अभिमन्यु भाई, समाज सेवक, सर्वोदय सेवा आश्रम चित्रकूट।