चित्रकूट में नजर आएगी प्रयाग कुंभ की छाया
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : प्रयागराज में 4 जनवरी से संगम तट पर बसने वाले दुनिया के सबसे बड़
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : प्रयागराज में 4 जनवरी से संगम तट पर बसने वाले दुनिया के सबसे बड़े कुंभ मेला की छाया प्रभु श्रीराम की तपोभूमि में भी देखने को मिलेगी।मकर संक्रांति, माघी अमावस्या सहित अन्य शाही स्नान के एक दिन पहले व बाद में तपोभूमि में मिनी कुंभ का नजारा देखने को मिलेगा। जब देश दुनिया से आने वाले सैलानी व श्रद्धालु संगम स्नान के बाद पुण्य लूटने चित्रकूट भी पहुंचेंगे। जिसकी तैयारी में जिला प्रशासन जुट गया है।
श्रद्धालुओं की जुटती है आधी भीड़
अभी तक प्रयाग में लगे कुंभ मेलों में देखा गया है कि वहां पर कल्पवास करने वाले और संगम स्नान करने वाले अधिकांश श्रद्धालु चित्रकूट जरूर आते हैं क्योंकि ऐसी मान्यता है कि चित्रकूट की मंदाकिनी नदी को गंगा-यमुना के संगम स्थल से भी पवित्र माना गया है। यह रामचरित मानस की 'नदी पुनीत पुरान बखाना अत्रि प्रिया नज तप बल आना' मंदाकिनी नदी को लेकर कही गई यह चौपाई बताती है। कहते हैं कि प्रयागराज साल में एक बार मंदाकिनी स्नान को जरूरत आते हैं ताकि संगम स्नान से लोगों के इकट्ठा पापों को धुल सकें। इसलिए प्रयागराज कुंभ मेला में आने श्रद्धालु मंदाकिनी स्नान किए बिना घर नहीं लौटते हैं। रामरज लेने भी पहुंचते हैं लोग
भगवान राम ने अपने वनवास के 14 साल में करीब बारह वर्ष चित्रकूट में बिताए थे। यहां पर सबसे अधिक समय बिताने के कारण कहा जाता है 'चित्रकूट निस दिन बसे प्रभु सिय लखन समेत' यानी आज भी चित्रकूट में भगवान राम माता सीता और भ्राता लखन के साथ बसते हैं। ऐसे में देश दुनिया से कुंभ में आने वाले लोग चित्रकूट में रामरज मस्तक पर लेने के लिए आते हैं और मंदाकिनी स्नान के साथ कामदगिरि की परिक्रमा करते हैं। श्रद्धालुओं के स्वागत को प्रशासन संवार रहा नगर
चित्रकूट से प्रयागराज के लिए सड़क और रेलमार्ग से सुगम साधन है हालांकि अधिकांश लोग ट्रेनों से आते हैं इसलिए प्रशासन स्टेशन से ही श्रद्धालुओं को राम की तपोभूमि में उनकी यादों से जोड़ना चाहता है। विशेष विकास प्राधिकरण की ओर से रेलवे स्टेशन पर बुंदेलखंड के त्योहारों और रामचरित मानस में चित्रकूट के प्रसंगों पर आधारित पें¨टग बनवाई जा रही है। यह भी होंगे इंतजाम
- नगर सहित तपोभूमि में स्वच्छता के लिए साफ-स्वच्छ शौचालय व डस्टबिन
- श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए अस्थाई रैन बसेरा निर्माण
- वाहनों के खड़ा करने के लिए पार्किंग व्यवस्था
- कुंभ मेला के लिए स्पेशल ट्रेनें व बसें
- प्रमुख स्थानों सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरा
- सर्दी से बचाव के लिये अलाव की व्यवस्था
'कुंभ मेला के तैयारियां जिले में भी की जा रही हैं। शाही स्नान के आगे-पीछे लाखों लोगों के यहां आने की संभावना है जिसको देखते हुए मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था की जा रही है।' विशाख जी - जिलाधिकारी चित्रकूट।