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आरपीएफ जवान के परिजनों ने पुलिस पर उठाए सवाल

जागरण संवाददाता चित्रकूट आरपीएफ जवान की हत्या में अब पुलिस कार्रवाई को लेकर सवाल उ

By JagranEdited By: Published: Fri, 14 Jun 2019 10:27 PM (IST)Updated: Sun, 16 Jun 2019 06:23 AM (IST)
आरपीएफ जवान के परिजनों ने पुलिस पर उठाए सवाल
आरपीएफ जवान के परिजनों ने पुलिस पर उठाए सवाल

जागरण संवाददाता, चित्रकूट : आरपीएफ जवान की हत्या में अब पुलिस कार्रवाई को लेकर सवाल उठने लगे हैं। मृतक जवान के परिजनों ने शुक्रवार को डीएम और एसपी से मुलाकात कर कुछ पुलिस अधिकारियों व व्यापारी नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए। मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने को लेकर आवाज बुलंद की। कहा कि बिना किसी पूछताछ व घटनाक्रम जाने बिना सिर्फ नामजद पत्नी को जेल भेजकर सभी को बचाने का प्रयास किया जा रहा है।

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चौरहा, थाना मझगवां, सतना, मध्य प्रदेश निवासी सुरेश द्विवेदी अपने परिजनों के साथ डीएम शेषमणि पांडेय व एसपी मनोज कुमार झा से मिले। कहा कि उनके छोटे भाई आरपीएफ जवान ब्रज किशोर द्विवेदी की 10 जून की मध्य रात चित्रकूट कर्वी के शंकर बाजार स्थित ससुराल में अवध नारायण तिवारी के मकान में लाठी-डंडों से पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। मामले में पत्नी स्मृति द्विवेदी के साथ सास मीरा तिवारी, साली मनु तिवारी और रोशनी तिवारी के खिलाफ मामला दर्ज कराया था लेकिन पुलिस ने सिर्फ स्मृति को जेल भेजा है। बाकी सभी फरार हैं। पुलिस उनको राजनीतिक पहुंच व रुपयों के दबाव में लीपापोती कर जेल नहीं भेज रही है। एसपी आफिस से निकलने के बाद मृतक के भाई ने आरोप लगाया कि हत्या में कुछ व्यापारी नेता भी शामिल थे। घटना के एक दिन पहले स्मृति उन नेताओं के साथ घूमने प्रयागराज गई थी। इसी बात को लेकर आरपीएफ जवान पति से उसका झगड़ा हुआ था। इसके बाद स्मृति ने उनके साथ मिलकर पति को मार डाला। आरोप लगाया कि एक पुलिस अधिकारी का भी मृतक की पत्नी से करीबी संबंध था। वह जांच को प्रभावित कर रहे हैं। अधिकारियों को इस पर ध्यान देना चाहिए। सीओ सिटी रजनीश यादव ने कहा कि परिजनों के आरोप बेबुनियाद हैं। निष्पक्ष ढंग से जांच चल रही है। जल्द फरार आरोपित भी पकड़कर जेल भेजे जाएंगे। कोई दूसरा संलिप्त होगा तो छोड़ा नहीं जाएगा। अंतिम संस्कार में शामिल फिर कैसे फरार

मृतक आरपीएफ जवान के भाई सुरेश द्विवेदी ने पुलिस पर आरोप लगाया कि नामजद पत्नी को जेल भेजा गया जबकि अंतिम संस्कार में चारों आरोपी शामिल थे। पुलिस भी मौजूद रही लेकिन तीन आरोपित कैसे फरार हो गए। यह पुलिस कार्रवाई पर सीधा प्रश्नचिह्न है। कहा कि शासन स्तर पर संदिग्ध भूमिका वाले पुलिसकर्मियों की जांच की आवाज उठाएंगे।


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