रोप-वे से जल्द भरेंगे लक्ष्मण पहाड़ी की उड़ान
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : तपोभूमि में लक्ष्मण पहाड़ी के लिए रोप-वे वन कर तैयार हो गया है
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : तपोभूमि में लक्ष्मण पहाड़ी के लिए रोप-वे वन कर तैयार हो गया है। जिसकी टे¨स्टग भी हो चुकी है, जिसकी शासन को रिपोर्ट भेज कर उद्घाटन की स्वीकृति मांगी गई है जैसे ही वहां से हरी झंडी मिलती है तो लोग रोप-वे से लक्ष्मण पहाड़ी की उड़ान भर सकेंगे। एक बार में 18 लोग करेंगे सफर
चित्रकूट में 15 करोड़ रूपये की लागत से पीपीपी माडल से रोप-वे का निर्माण उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग की ओर से कराया गया है। इस रोप-वे में तीर्थयात्रियों को लक्ष्मण पहाड़ी में ले जाने के लिए छह ट्राली लगाई हैं जिसमें तीन ट्राली ऊपर जाएंगी और तीन नीचे आएंगी। एक ट्राली में छह लोग यानी एक बार में 18 लोग सफर करेंगे। सिर्फ दो मिनट में पहुंचेंगे ऊपर
लक्ष्मण पहाड़ी के ऊपर पहुंचने के लिए 264 मीटर ऊंचा रोप-वे तैयार किया गया है। पहले लोगों को पहाड़ी में ऊपर पहुंचने के लिए करीब चार सौ सीढ़ी चढ़ना पड़ता था जिसमें 15 से 20 मिनट लगते थे लेकिन अब रोप-वे से सिर्फ 2 मिनट में पहाड़ी की चोटी में पहुंच जाएंगे। 75 रूपये होगा किराया
चित्रकूट रोप-वे कंपनी के निदेशक आलोक शर्मा बताते हैं कि रोप-वे में आने जाने का किराया शासन की ओर से 75 रूपये निर्धारित किया गया है। साथ ही पांच साल से छोटे बच्चे का 40 रूपये किराया लिया जाएगा। साथ यदि कोई एक तरफ से सफर करना चाहेगा तो उससे भी 40 रूपये ही लिए जाएंगे। महिला ¨बग के मत्थे होगी व्यवस्था
चित्रकूट का रोप-वे नारी सशक्तीकरण को बढ़ावा देता नजर आएगा। शर्मा के मुताबिक रोप-वे में यात्रियों को बैठाने, उतारने सहित टिकट की काटने की व्यवस्था महिलाएं करेंगी। इस काम में गीता के नेतृत्व में करीब आधा दर्जन महिलाओं को लगाया गया है। विद्युत विभाग की लापरवाही से कंपनी नाराज
रोप-वे चलाने के लिए कंपनी ने विद्युत विभाग को 11 लाख रूपये देकर कनेक्शन लिया है। विद्युत विभाग ने सिर्फ चार खंभा और ट्रांसफार्मर लगाकर तार खींच दिया है। जिसको लेकर कंपनी के निदेशक नाखुश हैं। रोप-वे बनकर तैयार हो गया है। उसकी टे¨स्टग चल रही है, यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए टेक्निकल टीम से जांच कराई जाएंगी उसके बाद ही चालू किया जाएगा। पूरी संभावना है कि इस माह के अंत तक उद्घाटन हो जाएगा। राजेंद्र रावत- क्षेत्रीय पर्यटक अधिकारी चित्रकूट-झांसी।