प्रधान बनेंगे स्वच्छता सिपाही, रोकेंगे डेंगू-मलेरिया
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : गांवों में डेंगू और मलेरिया सहित अन्य बीमारियों को रोकने की
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : गांवों में डेंगू और मलेरिया सहित अन्य बीमारियों को रोकने की जिम्मेदारी अब ग्राम प्रधान की होगी। सरकार ने संचारी रोगों की रोकथाम के लिए प्रधानों को नोडल अफसर बनाया है। इसके लिए पंचायतों में स्वच्छता समिति के खाते में दस-दस हजार रुपये का बजट भेजा जाएगा। इस राशि ने फागिंग मशीन खरीदने के लिए स्थानीय स्वास्थ्य कर्मियों की मदद को लेकर काम होगा।
टेमीफास का होगा छिड़काव
गांवों में मच्छरों की रोकथाम के लिए लार्वीसाइडल दवा (टेमीफास) का
छिड़काव नैपसेड पंप (दवा छिड़कने वाली मशीन) से किया जाएगा। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के माध्यम से सभी एएनएम सेंटर में टेमीफास की दवा भेजी गई है। इसका छिड़काव संचारी रोग नियंत्रण पखवारा के तहत किया जाएगा।
ज्यादा दवा बन सकती जानलेवा
टेमीफास दवा एक तरह का जहर है। इसकी अधिक मात्रा जानलेवा हो सकती है। विशेषज्ञों के मुताबिक ढाई एमएल दवा दस लीटर पानी में मिलाकर घोल तैयार कर छिड़काव किया जाता है। अधिक दवा मिलाने से नुकसान संभव है। इसलिए स्वास्थ्य विभाग के विशेषज्ञ प्रधानों की मदद करेंगे।
प्रधान यह भी करेंगे
दवाई का छिड़काव कराने के साथ ग्राम प्रधान अपनी-अपनी ग्राम पंचायत के हर गांव में साफ-सफाई, कूड़ा कचरा निस्तारण और जल भराव को रोकने की दिशा में काम करेंगे। इसके लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएंगे। 119 गांव में हुआ डीडीटी छिड़काव
आंकड़ों के मुताबिक जिले के 30 सब सेंटर के 119 गांवों में मलेरिया विभाग ने डीडीटी का छिड़काव मच्छरों की रोकथाम के लिए कराया है। साथ में लोगों को संचारी रोग से बचने व नियंत्रण के सुझाव के लिए पर्चे भी बांटे जा रहे हैं। एक से 15 अक्टूबर तक संचारी रोग नियंत्रण पखवाड़े का आयोजन किया जा रहा है। इसमें अलग-अलग विभागों को जिम्मेदारी बांटी गई है। ग्राम प्रधानों को इसके लिए बजट भेजा जा चुका है।
-डा. अरुण कुमार ¨सह, जिला मलेरिया अधिकारी चित्रकूट।