पाठा में सुनाई पड़े फाग गीत, होंगे आयोजन
संवाद सहयोगी मानिकपुर (चित्रकूट) चित्रकूट के कोल आदिवासी इलाके पाठा में अब फाग गीत सुन
संवाद सहयोगी, मानिकपुर (चित्रकूट) : चित्रकूट के कोल आदिवासी इलाके पाठा में अब फाग गीत सुनाई पड़ने लगे हैं। बुधवार को कई गांवों में फाग गीत गाने वाले होरियारे नजर आए। उधर, बुंदेलखंड के अलग-अलग हिस्सों में फाग गीत गाने वालों की संख्या होली के दिन निकलेगी। यह सिलसिला कई दिन तक बरकरार रहेगा। पाठा में परंपरा, संस्कृति को बचाने की दिशा में युवा भी आगे बढ़ रहे हैं। हालांकि पिछले वर्षों से काफी कमी आई है।
पाठा के गांवों में बसंत पंचमी से ही फाग गीत सुनाई देने लगते हैं। होलिका दहन के बाद गांव में हर दिन किसी न किसी घर के बाहर चबूतरे पर होरियारे मस्ती में नजर आते हैं। बुधवार सुबह से फाग गाने वालों की टोली गांव में ढोलक व झाल लेकर नियत स्थानों पर पहुंचीं। बुजुर्ग हो या युवा हर कोई होली के रंग में रंगा नजर आया। ग्रामीण इलाकों मे इस परंपरा से गांव मे सौहार्द बनाने का प्रयास शुरू हो चुका है। ग्रामीणों ने बताया कि फाग गीत सुनने व गाने की अपनी मस्ती है। यह परंपरा सदियों तक जीवित रहेगी। बुंदेलखंड के दस्यु प्रभावित इलाके मानिकपुर तहसील के पाठा में संस्कृति जिदा है। रसिया को नार बनाओ री रसिया को पावन गीतों पर होली का रुख दिखने लगा है।