रोडवेज बसों में खिड़कियां व शीशा टूटने से ठिठुर रहे यात्री
जासं चित्रकूट बांदा डिपो की अधिकतर बसों के खिड़कियों में शीशा न होने से सर्दी की वजह
जासं, चित्रकूट : बांदा डिपो की अधिकतर बसों के खिड़कियों में शीशा न होने से सर्दी की वजह से यात्री ठिठुरने को मजबूर हैं। जबकि कोहरे के प्रभाव को समाप्त करने के लिए लगने वाली फॉग लाइट भी कई बसों में नहीं लग सकी है। इससे आए दिन सड़क दुर्घटना होने का खतरा बना रहता है। डिपो में लगी अनुबंधित बसों की भी यही स्थिति हैं।
बांदा डिपो में इस समय 160 चल रही हैं जबकि छह बसें अनुबंध में लगी हैं। सर्दी शुरु होने के पहले जिलाधिकारी ने अधिकारियों को फॉग लाइट लगाने के साथ शीशा व अन्य सुरक्षा के उपकरण दुरुस्त रखने का निर्देश दिए थे। जिससे बसों में यात्रा कर रहे यात्रियों को सहूलियत मिल सके। आधी सर्दी बीत चुकी है लेकिन अभी भी कई बसों में इसका अमल नहीं हो सका है। एआरएम बांदा परमानंद ने बताया कि बसों में खिड़कियों व शीशा लगाने का काम हो चुका है। जिन बसों में शीशा नहीं लग सका है उसको तत्काल लगवाया जाएगा। डिपो की सभी लंबी व छोटी दूरी वाली बसों में फॉग को खत्म करने वाली पीली लाइट लगाया गया है। जिन बसों में पीली लाइट नहीं लग सकी है उसको तत्काल देख लगवाया जाएगा।
महीने भर में हो चुके हैं दो हादसे :
बांदा डिपो की दो बसें महीनेभर में हादसे का शिकार हो चुकी हैं। दिसंबर माह में कर्वी के खोह के पास सुबह साढ़े नौ बजे कोहरा अधिक होने से अचानक बाइक सवार को बचाने के चक्कर में रोडवेज बस पेड़ से जा टकराई थी। उसमें आधा दर्जन से अधिक यात्री घायल हो गए थे। एक हफ्ता पहले भरतकूप के रसिन बार्डर पर भी सुबह 11 बजे कोहरा में छतरपुर से लौट रही बस से बाइक सवार मौत हो गई थी।