रक्षाबंधन के दिन बहन से हमेशा के लिए बिछड़ गए भाई
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : रक्षाबंधन के दिन बहन से राखी बंधवाने से पहले कजली खोंटने (निका
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : रक्षाबंधन के दिन बहन से राखी बंधवाने से पहले कजली खोंटने (निकालने) मंदाकिनी तट पर पहुंचे सगे भाई तेज प्रवाह में बहकर डूब गए। साढ़े आठ घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद गोताखोरों ने दोनों के शव निकाले। हादसा कर्वी कोतवाली अंतर्गत बंधोइन बांध के पास हुआ। इस दु:खद हादसे के बाद से गांव में मातम पसरा है।
मूलरूप से नांदी तौरा, थाना पहाड़ी निवासी स्व.राजेंद्र वर्मा परिवार समेत कर्वी कोतवाली के अनुसुइयापुरवा, कसहाई में रहते थे। नौ जुलाई 2018 को उनकी मौत के बाद पत्नी केशपति बेटों घनश्याम उर्फ श्यामू (17), धनराज उर्फ भानु (15), बेटी लक्ष्मी देवी (13), सास हीरामनी व ससुर रामखिलावन वर्मा के साथ रह रही हैं। रविवार को रक्षाबंधन पर सुबह करीब सात बजे श्यामू व भानु अपनी बहन लक्ष्मी के साथ मंदाकिनी नदी में बंधोइन बांध पर कजली मेले में पहुंचे। यहां पर भानु कजली खोंटने (निकालने) के लिए बांध के पास पहुंचा। इसी बीच अचानक तेज बहाव की चपेट में आकर वह बह गया। यह देख श्यामू भी उसे बचाने की कोशिश में डूब गया। दोनों को डूबता देख दूसरी छोर के ग्रामीणों ने आवाज लगाई तो बहन समेत सभी लोग किनारे पर पहुंचे। इस बीच दोनों नदी में डूब चुके थे। सूचना पाकर पहुंची यूपी-100 पुलिस टीम ने गोताखोर व मल्लाह बुलाए। इस बीच एसपी मनोज कुमार झा, एएसपी बलवंत चौधरी, एसडीएम सदर इंदुप्रकाश ¨सह समेत सैकड़ों लोगों की भीड़ भी पहुंच गई। अफसरों के निर्देश पर गोताखोरों ने रस्सी बांधकर पूरी नदी में शव ढूंढने की शुरुआत की। शाम साढ़े तीन बजे भानु का शव मिला जबकि उसी के थोड़ी देर बाद श्यामू का शव भी मिल गया। परिजन का आरोप है कि समय से मदद न मिलने के कारण दोनों भाई डूब गए। एसपी ने बताया कि गोताखोर घटना के कुछ देर बाद ही तलाश में लग गए थे।