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नाती के हत्यारोपी नाना समेत तीनों नामजद गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, चित्रकूट : नाती के हत्यारोपी नाना, मौसेरे भाई और बहनोई को पुलिस ने रवि

By JagranEdited By: Published: Sun, 11 Nov 2018 10:20 PM (IST)Updated: Sun, 11 Nov 2018 10:20 PM (IST)
नाती के हत्यारोपी नाना समेत तीनों नामजद गिरफ्तार
नाती के हत्यारोपी नाना समेत तीनों नामजद गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, चित्रकूट : नाती के हत्यारोपी नाना, मौसेरे भाई और बहनोई को पुलिस ने रविवार को दबोच लिया है। उनके पास से हत्या में प्रयुक्त तमंचा भी बरामद हुआ है। हत्या जमीन के विवाद को लेकर हुई थी। तीनों आरोपी मोटर साइकिल से फरार हो गए थे।

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बता दें कि रैपुरा थानाक्षेत्र के भुजौली गांव में नौ नवंबर को शाम करीब चार बजे सुशील द्विवेदी उर्फ मटाई लाल पुत्र सिपाही लाल की उसके घर के अंदर तमंचे से गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। मामले में मृतक मटाई लाल के पिता सिपाही लाल ने रैपुरा थाने में अपने ससुर सुखराम पांडेय पुत्र राम प्रताप निवासी गढ़ीवा, साली के पुत्र दिनेश मिश्रा पुत्र भैरव प्रसाद पयासी निवासी बनवारीपुर हाल मुकाम गढ़ीवा और दामाद प्रेम शंकर पुत्र भैरव प्रसाद गौतम निवासी नोनार थाना पहाड़ी के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कराया था। रिपोर्ट दर्ज करने के बाद उनकी गिरफ्तारी के लिए कई पुलिस टीमें लगी थीं। रैपुरा थाना प्रभारी निरीक्षक सुभाष चन्द्र चौरसिया ने टीम के साथ कई जगह छापेमारी की।रविवार को करीब साढ़े छह बजे सुबह हत्यारोपी सुखराम पांडेय, दिनेश मिश्रा और प्रेम शंकर को ऐंचवारा मोड़ पर स्थित नहर पुलिया के पास ग्राम भौरी से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने दिनेश मिश्रा के पास से हत्या में प्रयुक्त 315 बोर का तमंचा और कारतूस बरामद किया है। थाना प्रभारी ने बताया कि बरामद तमंचा व कारतूस के आधार पर दिनेश मिश्रा के विरुद्ध आ‌र्म्स एक्ट का भी मामला पंजीकृत किया गया है। समझौता कराने गया था नाना

सुशील की हत्या को आरोपित हादसा बता रहे हैं। दिनेश मिश्रा ने पुलिस को बताया कि गढ़ीवा में नाना ने उसको गद्दी दे रखी है। कुछ साल पहले नाना की जमीन बेची गई थी। उसके एक-एक लाख रुपये उन्होंने अपनी पांचों बेटियों को दिए थे लेकिन सुशील के पिता सिपाही लाल इससे संतुष्ट नहीं थे। नाना से पांच लाख रुपये मांग रहे थे। इसी को लेकर घटना की सुबह गढ़ीवा में आकर गाली गलौज किया था। शाम को वह, नाना और अपने बहनोई प्रेम शंकर को लेकर भुजौली समझौते के लिए गया था लेकिन सुशील के परिजन गाली गलौज करने लगे। इसी दौरान तमंचे से चली गोली लगने से सुशील की मौत हो गई।


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