ग्रामोदय विवि में 30 साल बाद लगी नानाजी की प्रतिमा
जागरण संवाददाता चित्रकूट महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलाधिपति भा
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलाधिपति भारत रत्न राष्ट्र ऋषि नानाजी देशमुख की प्रतिमा का शनिवार को विवि परिसर में अनावरण किया गया। विश्वविद्यालय स्थापना के 30 साल बाद केंद्र, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश सरकार के आधा दर्जन से अधिक मंत्रियों, सांसदों ने उनकी प्रतिमा का अनावरण संयुक्त रूप से करके उन्हें श्रद्धांजलि भी दी।
प्रभु श्रीराम की तपोभूमि में नौवें दशक में नानाजी देशमुख ने समाज को सेवा के आदर्शो की नई दिशा दी थी। वर्ष 1991 में भगवानानंद जी महाराज के आग्रह पर नानाजी देशमुख चित्रकूट आए थे और चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय की स्थापना की थी। शनिवार को वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पूजा-अर्चना करके अतिथियों ने प्रतिमा का अनावरण करने के साथ ही नाना जी उपवन का भी लोकार्पण किया। इससे पहले सभी अतिथियों ने नानाजी के आवास सियाराम कुटीर और उद्यमिता विद्यापीठ में समाधि स्थल पर श्रद्धांजलि अर्पित की।
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मंत्रियों के बोल
शासन-सत्ता सबने बहुत देखा है, लेकिन समाज के क्षेत्र में काम करने वाले कम ही होते हैं। नाना जी ने जिस लक्ष्य को लेकर जो प्रकल्प खड़ा किया है, समाज के विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों का ध्येय भी वही बने।
-फग्गन सिंह कुलस्ते, केंद्रीय इस्पात राज्यमंत्री।
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अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति की चिता करते हुए नाना जी ने जो संदेश दिया है, वह हम सबके लिए अनुकरणीय है। उत्तर प्रदेश सरकार व जनता जनार्दन की ओर से नाना जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
-रमापति शास्त्री, कैबिनेट मंत्री समाज कल्याण उप्र।
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नाना जी ने त्याग करने के बाद जो तपस्या की, उसके आधार पर वह राष्ट्र ऋषि कहलाए। नाना जी के आदर्शो पर चलना बहुत कठिन है। उनके आदर्शो को जीवन में आत्मसात कर सकें, यही उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
-गिरीश गौतम, अध्यक्ष, मध्यप्रदेश विधानसभा।
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नाना जी एक शब्द नहीं है, वह एक कृतित्व है-एक प्रेरणा है। उनके स्वरूप को देखना है तो चित्रकूट आकर देखें।
- प्रभात झा, पूर्व राज्यसभा सदस्य
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नाना जी ने नवाचार के तहत, जो लोग मूर्ति पूजा में विश्वास नहीं करते उनके लिए राम जी के जीवन दर्शन की झांकी के रूप में रामदर्शन की स्थापना की थी, जिससे लोग प्रभु श्रीराम के मर्यादा स्वरूप का अनुसरण कर सकें।
-वीरेंद्रजीत सिंह, अध्यक्ष, दीनदयाल शोध संस्थान। इन्होंने भी दी श्रद्धांजलि
मध्य प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री कमल पटेल, पंचायत एवं ग्रामीण विकास राज्यमंत्री रामखेलावन पटेल, उत्तर प्रदेश शासन लोक निर्माण राज्यमंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय, सांसद सतना गणेश सिंह, सांसद चित्रकूट-बांदा आरके सिंह पटेल, डीआरआइ संगठन सचिव डॉ. अभय महाजन, कुलपति प्रो. नरेश चंद्र गौतम, प्रो. कपिल देव मिश्र, प्रो. योगेशचंद्र दुबे कुलपति, डॉ. राजकुमार आचार्य, प्रो. एडीएन बाजपेयी, कुलाधिपति डॉ. आनंद सोनी, पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह गहरवार, संत मदनगोपाल दास, पंकज अग्रवाल रहे।