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घर में लगा ताला, सड़क पर अमानत

केस-एक डबरा ग्वालियर के डॉ. अनिल कुमार परिवार के साथ चित्रकूट घूमने पहुंचे। गर्म कपड

By JagranEdited By: Published: Tue, 05 Mar 2019 11:26 PM (IST)Updated: Tue, 05 Mar 2019 11:26 PM (IST)
घर में लगा ताला, सड़क पर अमानत

केस-एक

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डबरा ग्वालियर के डॉ. अनिल कुमार परिवार के साथ चित्रकूट घूमने पहुंचे। गर्म कपड़े व सामान अधिक होने पर स्टेशन में अमानती घर रखने गए तो वहां ताला लगा मिला। महा कौशल एक्सप्रेस से उतरने के बाद वह सामान लेकर चित्रकूट गए। इस दौरान उन्हें काफी परेशानी हुई।

केस-दो

विलासपुर से परिवार के साथ आए सोमेश्वर राय को भी अमानती सामान घर पहुंचने पर मायूसी हाथ लगी। चित्रकूट एक्सप्रेस से चित्रकूधाम कर्वी स्टेशन पर रात में उतरे। सामान रखने को लेकर भटके पर हल नहीं निकला। बाद में टेंपो से सामान लेकर रवाना हुए।

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जागरण संवाददाता, चित्रकूट : प्रभु श्रीराम की तपोभूमि चित्रकूट में देश-विदेश से प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु आते हैं। अमावस्या, पूर्णिमा व प्रमुख त्योहारों पर यह संख्या लाखों में पहुंचती है। सहूलियत के लिए उनका कीमती सामान रखने को चित्रकूटधाम कर्वी रेलवे स्टेशन पर अमानत गृह बनवाया गया है। मगर, उस पर हमेशा ताला पड़ा रहने से श्रद्धालु परेशान होते हैं। अक्सर सामान चोरी होने के साथ बंदरों व बेसहारा जानवरों के कारण खराब हो जाता है।

क्या है अमानती घर

मुख्य रेलवे स्टेशनों पर क्लॉक रूम (अमानती सामान घर) और लॉकर होता है। इसमें निर्धारित किराया भुगतान कर अपना सामान रख सकते हैं। यह यात्री सुविधा आपको एक या दो दिन अथवा कुछ घंटों के लिए भी मिल सकती है। रेलवे ने क्लॉक रूम में सामान रखने की प्रक्रिया भी सरल कर दी है। आपको सिर्फ भली भांति ताला बंद कर सामान जमा करना है। इसके बदले रसीद दी जाएगी। प्राप्ति रसीद के साथ निर्धारित किराया देने पर सामान वापस मिल जाएगा। रसीद खोनी नहीं चाहिए, वर्ना सामान की सुपुर्दगी में कठिनाई आएगी।

धर्म नगरी में सिर्फ क्लॉक रूम, लॉकर नहीं

चित्रकूट पर्यटन की दृष्टि से पूरी दुनिया में पहचान रखता है। विदेशी सैलानी भी अब यहां काफी संख्या में आने लगे हैं। इसके बावजूद यहां सिर्फ क्लॉक रूम है। लॉकर की व्यवस्था नहीं की जा सकी है। इससे ज्यादातर यात्रियों को अपना कीमती सामान लेकर दर्शनीय स्थलों तक जाना पड़ता है या महंगे होटलों में रखते हैं।

अमानती सामान घर के लिए निर्धारित शुल्क

समय प्रति पैकेट (रुपये में)

24 घंटे/आंशिक 15.00

48 घंटे के लिए 20.00

प्रतिदिन अतिरिक्त 5.00

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क्या कहते हैं जिम्मेदार

अमानती सामान घर को समय-समय पर खोला जाता है। सामान बुक करने का काम टिकट बुकिग काउंटर पर ही होता है। किसी के आने पर सामान रखा जाता है। स्टाफ की कमी के कारण भी हमेशा उसे नहीं खोला जाता है। स्टाफ की मांग की गई है।

- आरएम पांडेय, रेलवे स्टेशन प्रबंधक, चित्रकूटधाम कर्वी


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