चित्रकूट के जेई मामले में 13 पीड़ित बच्चों की बनी सूची, फोटो से पहचान
जागरण संवाददाता चित्रकूट यौन शोषण के आरोपित सिचाई विभाग के निलंबित जेई रामभवन का श्ि
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : यौन शोषण के आरोपित सिचाई विभाग के निलंबित जेई रामभवन का शिकार बने 13 बच्चों की सूची सीबीआइ ने बनाई है। अब जेई के पास से मिले 679 अश्लील फोटो के सहारे इनकी पहचान की जा रही है। सीबीआइ उन्हें जरूरत पड़ने पर कोर्ट में पेश करेगी।
मूलरूप से बांदा के नरैनी और वर्तमान में चित्रकूट की एसडीएम कालोनी के शोभा सिंह का पुरवा में किराये के मकान में रहने वाले जेई रामभवन के घिनौने कृत्य का जाल चित्रकूट, बांदा और हमीरपुर में फैला है। सूत्रों के मुताबिक बच्चों की पहचान के लिए तीन टीमें लगी हैं। अब तक 13 बच्चों की सूची में कुछ से सीबीआइ टीम मिल भी चुकी है। इनमें सबसे ज्यादा बच्चे उसके मोहल्ले और साइट पर काम करने वाले हैं।
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पढ़ाई में मदद के नाम पर किया शोषण
रामभवन की शादी वर्ष 2007 में हुई थी, लेकिन उसके बच्चे नहीं हैं। सूत्र बताते हैं कि वर्ष 2013 में उसने भाई के बेटे को अपने पास रखा था, लेकिन वह बच्चा कुछ दिन बाद ही पिता के पास लौट गया था। वह ज्यादातर बच्चों का शोषण पढ़ाई के लिए मदद के नाम पर करता था।
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सदमे में मां का छूटा खाना, करतूत से भाई शर्मिदा
संवाद सहयोगी, नरैनी (बांदा) : हमारे दिल से पूछिए, खून के आंसू पी रहे हैं। कहीं भी चले जाएं लोग कहेंगे वह हमारा भाई है। यह बात बच्चों के यौन शोषण के आरोपित निलंबित जेई रामभवन के बड़े भाई रामप्रकाश ने रविवार को कहीं। उन्होंने बताया कि रामभवन की ससुराल ट्रांसपोर्ट नगर प्रयागराज में है। उसकी पत्नी तीन भाई-बहन हैं। दशहरे पर दो-तीन घंटे के लिए वह लोग आए थे। पत्नी तो गांव एक-दो बार ही आई है। वहीं, 75 वर्षीय मां राम किशोरी का खाना-पीना छूट गया है। नरैनी कस्बा के जवाहर नगर मोहल्ले में अपने बेटों के साथ गुमसुम बैठी रहती हैं। कहती हैं कि बेटे की करतूत से गहरा सदमा लगा है। बताया कि बेटा मुसीबत में है।
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तीन नवंबर को नरैनी पहुंची थी सीबीआइ टीम
भाई रामप्रकाश ने बताया कि तीन नवंबर दोपहर 12 बजे चालक समेत पांच सदस्यीय सीबीआइ टीम रामभवन को लेकर नरैनी स्थित मकान आई थी। खोजबीन करने के बाद कई साल से खराब पड़े लैपटॉप को अपने साथ ले गई थी। दोबारा अब तक सीबीआइ टीम नहीं आई।
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परिवार के सामने रोजी रोटी के लाले
भाई ने बताया कि परिवार के सामने रोजी-रोटी के लाले हैं। दोनों भाइयों का 10 लोगों का परिवार हैं। 15 दिन से काम बंद होने की वजह से आर्थिक रूप से समस्या है। घर में सब्जी लाने तक के लिए पैसे नहीं थे। अब कल से अपना काम शुरू करेंगे जिससे परिवार का पेट भर सके।