चित्रकूट में हाईवे किनारे प्राण वायु देंगे 52 लाख 'धरती पुत्र', लगाए गए पीपल-बरगद के पौधे
चित्रकूट के वन के साथ अन्य क्षेत्र में इनके बड़े होने पर लोगों को छांव के साथ वन विभाग को लकड़ी मिलने से राजस्व में इजाफा होगा।
चित्रकूट [शिवा अवस्थी]। केंद्र के साथ ही प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से एक बड़ी पहल की है। बुंदेलखंड समेत पूरे सूबे में हाईवे चौड़ीकरण के दौरान कटने वाले पेड़ों की जगह प्राण वायु (आक्सीजन) देने वाले 52 लाख पीपल-बरगद के पौधे लगाने का फैसला हुआ है।
चित्रकूट के वन के साथ अन्य क्षेत्र में इनके बड़े होने पर लोगों को छांव के साथ वन विभाग को लकड़ी मिलने से राजस्व में इजाफा होगा। उत्तर प्रदेश वन निगम के अलग-अलग रेंज के साथ वन विभाग को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह पहल देश भर में ही जा रही है।
बुंदेलखंड में वन निगम के चित्रकूट रेंज की तरफ से मीरजापुर-झांसी हाईवे चौड़ीकरण के साथ ही साथ लखनऊ-इलाहाबाद हाईवे निर्माण के दौरान पीपल व बरगद के पौधों को लगाया भी जा चुका है। वन विशेषज्ञों के मुताबिक, इससे पहले भी कई इलाकों में लगाए गए पौधे बड़े होने से वातावरण में सुधार होने लगा है। हमीरपुर, बांदा, महोबा में अंदरूनी हिस्सों में भी ये पौधे लगाए जाएंगे। इससे जल्द बदलाव दिखेगा।
जीटी रोड, कानपुर-लखनऊ हाईवे पर भी पौधरोपण जल्द
वन निगम के अफसरों के मुताबिक, कानपुर से अलीगढ़ तक जीटी रोड के चौड़ीकरण में भी पीपल, बरगद, नीम, आम, महुआ के पौधे लगेंगे।
चौड़ीकरण के दौरान बड़ी संख्या में पेड़ काटने से होने वाले पर्यावरण असंतुलन को सही करने के नजरिए से यह फैसला लिया गया है। करीब एक से डेढ़ दशक बाद पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बड़े कदम के तौर पर इसके परिणाम सामने आएंगे।
खत्म होंगे बबूल के जंगल
बुंदेलखंड के हमीरपुर, महोबा, चित्रकूट, बांदा, जालौन, झांसी तक शुष्क वातावरण के कारण धीरे-धीरे बबूल के जंगल खड़े हो गए हैं। विभिन्न तरह के खरपतवार भी उग आए हैं। पहाड़ों पर भी जंगली पौधों से कोई फायदे नहीं हो रहा है। पीपल, बरगद समेत अन्य बेहतर प्रजाति के पेड़ों से यहां का वातावरण बदलेगा। निकट भविष्य में इसके सुखद परिणाम भी आएंगे।
बेहतर परिणाम आएंगे
कार्यालय प्रभारी, प्रबंधक उप्र वन निगम, चित्रकूट रेंज, एसएन त्रिपाठी ने बताया कि हरीतिमा अभियान के तहत हाईवे चौड़ीकरण में अलग से ये पौधे लगाने पर सहमति बनी है। वन निगम चित्रकूट रेंज में पौधे लगाने का काम भी शुरू हो चुका है। इसके बेहतर परिणाम आएंगे।