निर्मल भारत अभियान के पांच हजार शौचालय गायब
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : शौचालयों के निर्माण में जमकर धांधली की बात सामने आ रही है
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : शौचालयों के निर्माण में जमकर धांधली की बात सामने आ रही है। निर्मल भारत अभियान के तहत वर्ष 2012-13 और 2013-14 मे तैयार किए गए पांच हजार शौचालय असल में हैं ही नहीं। ये वे शौचालय हैं जिनके निर्माण के लिए आए धन को ग्राम प्रधान व सचिवों ने निकाल लिया लेकिन निर्माण नहीं कराया।
केंद्र में पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान निर्मल भारत अभियान के तहत शौचालय निर्माण कराए जाने थे। इसके लिए जनपद को तकरीबन पांच हजार शौचालयों के निर्माण का लक्ष्य मिला था। पैसा भी जारी हो गया और प्रधानों और सचिवों ने खातों से निकाल भी लिया लेकिन शौचालय बनवाए ही नहीं गए। शिकायतें मिलने के बाद जिलाधिकारी के आदेश पर पंचायती राज विभाग ने इनके सत्यापन की कवायद शुरू की है। इनमें तमाम गड़बड़ियां अब तक सामने आ चुकी हैं।
वसूली में होगी परेशानी
शौचालय निर्माण में मनमानी करने वाले तत्कालीन प्रधान और सचिवों से वसूली किए जाने की तैयारी है। इसके लिए उन्हें जल्द ही नोटिस जारी किया जाएगा। हालंाकि गांव में प्रधान और सचिवों के बदल जाने से इसमें पेंच फंस सकता है।
कराया जा रहा सत्यापन
जिले को दो अक्टूबर को ओडीएफ घोषित किया जाना है लेकिन बेस लाइन सर्वे में चिहि़्नत परिवारों में तमाम के पास शौचालय नहीं हैं। डीएम विशाख जी. ने कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इससे हलचल मची हुई है। शौचालयों का सत्यापन कराया जा रहा है।
इनका कहना है
निर्मल भारत अभियान के तहत जनपद की करीब 60-70 ग्राम पंचायतों मे शौचालय निर्मित कराए गए थे। उनमें गड़बड़ी की शिकायतों पर सत्यापन का काम शुरू कराया गया है। वसूली के लिए तत्कालीन ग्राम प्रधान व सचिव को रिकवरी नोटिस जारी किए जाएंगे।
-सुरेश चंद्र मिश्रा, जिला पंचायत राज अधिकारी चित्रकूट।