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दफन हो चुकी बाईपास की फाइल निकली, मिलेगी बड़ी राहत

जागरण संवाददाता, चित्रकूट : कर्वी मुख्यालय से लेकर चित्रकूट के बाकी कस्बों में सिकुड़ चुक

By JagranEdited By: Published: Fri, 14 Sep 2018 10:09 PM (IST)Updated: Fri, 14 Sep 2018 10:09 PM (IST)
दफन हो चुकी बाईपास की फाइल निकली, मिलेगी बड़ी राहत

जागरण संवाददाता, चित्रकूट : कर्वी मुख्यालय से लेकर चित्रकूट के बाकी कस्बों में सिकुड़ चुके मीरजापुर-झांसी राष्ट्रीय राजमार्ग को लेकर दैनिक जागरण में चल रहे 'चाहिए बाईपास' अभियान का असर दिखाई पड़ने लगा है। फाइलों में दफन हो चुके बाईपास को लेकर कवायद फिर शुरू हो गई है। छह माह पहले भेजे गए प्रस्ताव पर काम शुरू कराया जाएगा। इसको लेकर जिलाधिकारी विशाख जी. ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री व शासन स्तर पर अपर मुख्य सचिव पीडब्ल्यूडी को चिट्ठी भेजी है। सब कुछ ठीक रहा तो जल्द जमीनी स्तर पर काम शुरू होगा।

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गौरतलब है कि करीब आठ माह पहले कर्वी मुख्यालय में ट्रकों की समस्या के मद्देनजर जिला प्रशासन ने खोह से राजापुर-पहाड़ी मार्ग होकर बेड़ी पुलिया अथवा भरतकूप तक बाईपास निकालने का प्रस्ताव तैयार कराया था। इसके बाद यह फाइल ठंडे बस्ते में चली गई। पीडब्ल्यूडी के अफसर भी इसको भूल गए। दैनिक जागरण ने इस पर चाहिए बाईपासअभियान की शुरुआत की तो फिर से हलचल शुरू हो गई है। जिलाधिकारी ने शुक्रवार को पत्र भेजकर जल्द जमीनी स्तर पर काम शुरू कराने का हवाला दिया है। डीएम विशाख जी. ने बताया कि 16 अगस्त 2018 को भी इसके लिए पत्र भेजा जा चुका है। शुक्रवार को भेजे गए पत्र में अपर मुख्य सचिव पीडब्ल्यूडी के साथ मुख्यमंत्री के लिए भी एक पत्र दिया गया है। बताया कि इससे निचले स्तर पर काम में तेजी आएगी। बाईपास निकलने से कर्वी के लोगों को राहत मिलेगी।

बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे से और बढ़ेगी समस्या

डीएम ने बताया कि बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे भरतकूप के पास से प्रस्तावित है। इसके निर्माण के बाद कर्वी मुख्यालय समेत बाकी कस्बों में वाहनों का लोड और बढ़ेगा। इसलिए बाईपास की सख्त जरूरत है। बाईपास निर्माण होने से भारी वाहन बाहर-बाहर निकल जाएंगे। कारोबारियों, आम आदमी के साथ जिले में प्रतिमाह आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को इससे राहत मिलेगी।

एक पखवारे में जमीनी स्तर पर काम

डीएम ने बताया कि चिट्ठी भेजने के साथ व्यक्तिगत तौर पर भी शासन में बैठक के दौरान पैरवी की जाएगी। सब कुछ ठीक रहा तो एक पखवारे में काम जमीनी स्तर पर शुरू करा दिया जाएगा। आगणन, एलाइनमेंट के साथ बाईपास की रूपरेखा स्थानीय स्तर पर इंजीनियरों की मदद से तैयार करा ली जाएगी। इसके बाद शासन से बजट आवंटित कराने के प्रयास होंगे।


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