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किसी भी चिकित्सालय का ब्लड बैंक उसकी जीवन धारा

जागरण संवाददाता, चित्रकूट: जानकीकुण्ड चिकित्सालय में ब्लड बैंक को और अधिक कारगर बनाने

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 May 2018 11:35 PM (IST)Updated: Sat, 19 May 2018 11:35 PM (IST)
किसी भी चिकित्सालय का ब्लड बैंक उसकी जीवन धारा

जागरण संवाददाता, चित्रकूट: जानकीकुण्ड चिकित्सालय में ब्लड बैंक को और अधिक कारगर बनाने के लिए इसे आधुनिक स्वरूप दिया गया है। अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित ब्लड बैंक का यहां आने वाले मरीजों को भरपूर लाभ मिलेगा। किसी भी चिकित्सालय का ब्लड बैंक उसकी जीवन धारा होती है, जो आड़े वक्त में काम आती है।

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जानकीकुंड चिकित्सालय में संचालित ब्लड बैंक को जयपुर के व्यापारी रामप्रसाद अग्रवाल ने आर्थिक सहयोग कर उसे अत्याधुनिक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। चिकित्सालय प्रबंधन ने राम प्रसाद अग्रवाल की माता कुसुम अग्रवाल के नाम पर ब्लड बैंक का नाम कुसुम डायग्नोस्टिक सेंटर रख दिया है। चिकित्सालय के निदेशक डा. बी के जैन ने बताया कि इस ब्लड बैंक में 700 यूनिट तक ब्लड बैग आधुनिकतम मशीनों पर रखा जा सकता है। ब्लड बैंक में मरीजों की आवश्यकता के अनुसार रक्त या कम्पोनेंट जैसे आर.बी.सी., डब्लू.बी.सी. प्लेटलेट्स प्लाज्मा इत्यादि उपलब्ध कराया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि किसी भी अच्छे चिकित्सालय का ब्लड बैंक अस्पताल की जीवन धारा होती है। इसके बिना चिकित्सालय अपूर्ण माना जाता है। शहरी लोगों को यह सुविधा आसानी से उपलब्ध हो जाती है किन्तु ग्रामीण क्षेत्रों में ब्लड बैंक न होने की वजह से इसका लाभ कम मिलता है। जानकीकुंड का ब्लड बैंक चित्रकूट परिक्षेत्र के 100 किलोमीटर के दायरे में आसानी से यह सुविधा पहुंचाएगा। ब्लड बैंक के प्रभारी डा. ए.बी.एस. राजपूत ने बताया कि प्रसव के समय महिलाओं में खून की कमी हो जाती है। इस समय खून की आवश्यकता पूर्ति न होने पर कभी कभी अप्रिय घटनाएं हो जाती हैं। जननी सुरक्षा के तहत सरकार ने इस पर अधिक ध्यान दिया है। उन्होंने बताया कि एचआइबी (एड्स), पीलिया, यौन जनित रोगों की जांच, हेपेटाइटिस सी, वायरल, मलेरिया आदि की जांच के पश्चात ही एक व्यक्ति का खून दूसरे को दिया जाता है। जयपुर के व्यापारी रामप्रसाद अग्रवाल ने अस्पताल को सहयोग किया है। यह कार्य किसी बड़े परोपकार से कम नहीं है। संस्था उनके और उनके परिवार के इस कार्य को हमेशा याद रखेगी। इस मौके पर ऊषा जैन, डा. पूनम आडवानी, डा. एबीएस राजपूत, डा. इलेष जैन और रामप्रसाद अग्रवाल और उनके परिवार के सदस्य, जयपुर से आए तीन सैकड़ा गणमान्य व्यक्ति व सदगुरु सेवा संघ ट्रस्ट के सभी कार्यकर्ता उपस्थित रहे।


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