वन क्षेत्र के दांव में फंसी धारकुंडी आश्रम सड़क
जागरण संवाददाता चित्रकूट विध्य पर्वत श्रंखला में
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : विध्य पर्वत श्रंखला में स्थित धारकुंडी आश्रम का सफर सुगम बनाने के लिए प्रदेश सरकार सड़क का चौड़ीकरण व सुंदरीकरण करा रही है लेकिन वह वन क्षेत्र के एनओसी में फंस गई है। सड़क का चार किलोमीटर का भाग रानीपुर वन्य जीव विहार से होकर गुजरता है। जिसमें अभी तक काम शुरू नहीं हो सका है। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने करीब एक साल पहले इसका शिलान्यास किया था, जबकि अभी तक लोक निर्माण विभाग ने एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) के लिए आवेदन ही नहीं किया है।
चित्रकूटधाम मंडल की समीक्षा में गुरुवार को डीएम को निर्देश दिए कि सड़क निर्माण में जो भी गतिरोध हैं, उन्हें सात दिनों में दूर कराएं। हालांकि यह मुश्किल है, क्योंकि दो दिन पहले प्रशासन ने वन्य जीव विहार प्रभाग कैमूर, मीरजापुर को उनके क्षेत्र के बदले में 1.584 हेक्टेयर जमीन ऊंचाडीह में हस्तांतरित की है। लोक निर्माण विभाग अब एनओसी के लिए आवेदन करने जा रहा है। वन विभाग से इतनी जल्दी एनओसी मिलना आसान नहीं है। वाल्मीकि आश्रम, एयरपोर्ट और बरगढ़ पेयजल योजना आदि उदाहरण है। यह फंसा था पेंच
मार्ग का जब प्रस्ताव तैयार किया गया था तो करीब 20 किलोमीटर की सड़क में वन्य जीव विहार को अपने परिक्षेत्र में सड़क बनानी थी और शेष का निर्माण पीडब्लूडी को करना था। बाद में वन्य जीव विहार ने हाथ खड़े कर दिए। तब डीएम ने टीम गठित कर भूमि अधिग्रहण का कार्य शुरू कराया।
योजना के प्रमुख बिदु
योजना - केंद्रीय मार्ग निधि
कार्य - मानिकपुर से कल्याणपुर-धारकुंडी आश्रम (एमपी सीमा)
कुल लंबाई- 19.150
लागत - 40.37 करोड़ वन्यजीव विहार को बिना भूमि दिए एनओसी का आवेदन नहीं कर सकते थे। अब भूमि दे दी गई है आनलाइन आवेदन कर रहे हैं। स्वीकृति मिलने पर ही काम शुरू होगा।
- कृष्ण स्वरुप गौतम, सहायक अभियंता
वन क्षेत्र में सड़क निर्माण की स्वीकृति केंद्र सरकार से मिलती है। जो आनलाइन आवेदन से मिलेगी।
- जीडी मिश्रा, प्रतिपालक रानीपुर वन्य जीव विहार चित्रकूट