दीप जलाकर बच्चों का मनाएं जन्मदिन, मोमबत्ती न बुझाएं
जागरण संवाददाता चित्रकूट मानवीय व संस्कृति मूल्यों की रक्षा करने वाले भारत देश में लोगों क
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : मानवीय व संस्कृति मूल्यों की रक्षा करने वाले भारत देश में लोगों के अंदर तेजी के साथ पश्चिमी संस्कृति घर कर रही है। यह गलत है। बच्चों के जन्म दिन पर मोमबत्ती बुझाने के बजाय दीप जलाना चाहिए। पश्चिमी सभ्यता को छोड़कर भारतीय दर्शन की तरफ बढ़ें। यह बातें वृंदावन से आए पंडित दीपक कृष्ण जी महाराज ने मंगलवार को चित्रकूट स्थित कामदगिरि प्रमुख द्वार पर श्रीराम जानकी मंदिर में कथा के दौरान कहीं।
उन्होंने कथा की शुरुआत प्रभु श्रीराम की बाल लीलाओं से की। कहा कि प्रभु बचपन में कभी भोजन छोड़कर भागते रहे तो कभी धूल में जाकर खेलने लगते। इससे परिजन व पुर जन बेहाल हो जाते। कहा कि प्रभु के जन्म दिन पर हजारों दीप जलाए जाते थे। इसलिए वर्तमान में केक काटने व मोमबत्ती बुझाने की प्रथा गलत है। इसको रोकने के लिए कदम बढ़ाने होंगे। प्रभु की तर्ज पर प्रत्येक व्यक्ति को वर्तमान में आतंक व अन्याय के खिलाफ एकजुट होने की जरूरत है। बाद में परशुराम-लक्ष्मण संवाद व सीता-राम विवाह का वर्णन किया। इससे पहले समाजसेवी राम बाबू गुप्ता ने व्यास गद्दी व प्रभु की प्रतिमा का पूजन किया। मदन गोपाल दास महाराज, सतीश चंद्र त्रिपाठी, रमा शंकर तिवारी, राजेंद्र मिश्र, मृत्युंजय त्रिपाठी, शिव बाजपेयी, मनोज बाजपेयी समेत सैकड़ों भक्तों को बुंदेली सेना के जिलाध्यक्ष अजीत सिंह ने प्रसाद वितरित किया।