निर्जीव वस्तुओं में भी श्रेष्ठ मार्गदर्शन की बेहतर क्षमता : भैया जी जोशी
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का गुरु पूर्णिमा उत्सव एवं समर्पण कार्यक्रम
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का गुरु पूर्णिमा उत्सव एवं समर्पण कार्यक्रम श्रीधर आश्रम श्री दास हनुमान मंदिर में मनाया गया। संघ के सरकार्यवाह सुरेश भैया जी जोशी ने कहा कि संघ की अपनी विशेष परंपरा है कि किसी व्यक्ति विशेष को गुरु रूप में नहीं बल्कि भगवा ध्वज को ही गुरु माना जाता है।
उन्होंने कहा कि लोग कहते हैं कि यह भगवा ध्वज तो निर्जीव है, परंतु जिस प्रकार अलग अलग क्षेत्र, स्थान व जलवायु में जाने के पश्चात मनुष्य परिस्थिति अनुसार भाव अलग-अलग प्रकट करता है। हमें मठ, मंदिर, किला, भवन आदि निर्जीव रूप में दिखाई पड़ते हैं पर इन निर्जीव वस्तुओं व स्थानों के प्रति भाव अलग-अलग रहता है। कौन कहता है कि निर्जीव वस्तुओं में चेतना नहीं है, निर्जीव वस्तुओं में भी श्रेष्ठ मार्गदर्शन देने की अछ्वुत क्षमता होती है। इसलिए डॉक्टर हेडगेवार ने इस ध्वज को ही अपनाया। इस देश के उत्थान पतन का साक्षी है परम पवित्र भगवा ध्वज। साधु संतों ने भी इसी भगवा को त्याग के प्रतीक रूप में वस्त्र रूप में अपनाया। मनुष्य कितना भी श्रेष्ठ हो वह भगवान नहीं बन सकता। ¨हदू सनातनी धर्म को परम भगवा ध्वज रूप में अनादि काल से मार्गदर्शन मिल रहा है। राष्ट्र सबसे बड़ा मंदिर है। कार्यक्रम का संचालन नगर कार्यवाह डा. अशोक तिवारी में किया। इस मौके पर अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल सदस्य महाकौशल प्रांत प्रचारक रंग राजेजी, दीनदयाल शोध संस्थान के संगठन सचिव अभय महाजन व जिला संघ चालक सतना राम बेटा कुशवाहा आदि मौजूद रहे।