दो दिनों की बारिश से फसलों को मिला जीवनदान
जागरण संवाददाता, चित्रकूट: खरीफ की फसलों के लिए हाल ही में दो दिन हुई बारिश ने अमृत ज
जागरण संवाददाता, चित्रकूट: खरीफ की फसलों के लिए हाल ही में दो दिन हुई बारिश ने अमृत जैसा काम किया। अब तक कुल मिलाकर 501 मिमी बारिश हो चुकी है। हाल में हुई बारिश से दोपहर के वक्त मुरझाने वाली फसलों की रौनक फिर लौट आई है। इधर दो दिनों में 100 मिमी से अधिक बारिश से होने से काली यानी भारी मिट्टी में रबी की फसलों के लिए भी दिक्कत नहीं होगी। धान की फसल के लिए अभी और बारिश की जरूरत होगी।
बता दें कि देर से सक्रिय हुए मानसून से जून, जुलाई तक लगभग 400 मिलीमीटर बारिश हुई। बुआई के बाद अगस्त में बीस दिन बारिश न होने से खरीफ की फसलें दोपहर के वक्त मुरझाने लगी थी। सुबह पौधों में रौनक रहती लेकिन जैसे ही दोपहर की धूप पड़ती फसलें मुरझा जाती। धूप निकलने के बाद शाम के वक्त फसलें फिर खड़ी हो जाती। पांच दिन पहले तक फसलों को मानसूनी बारिश की सख्त आवश्यकता थी। इधर दो दिनों तक हुई बारिश ने फसलों को जीवनदान देने का काम किया। दो दिनों में लगभग 111 मिलीमीटर बारिश हुई। इससे अब तक बारिश का आंकड़ा 511 मिलीमीटर पहुंच चुका है। जबकि अब तक 600 मिलीमीटर बारिश हो जानी चाहिए। यानी अभी भी 100 मिलीमीटर बारिश कम हुई है। जिले में औसतन 850 मिलीमीटर बारिश की जरूरत होती है लेकिन पिछले वर्ष औसत से अधिक यानी 900 मिलीमीटर बारिश हुई। जबकि इससे पहले तीन सालों तक पूरे साल बारिश का आंकड़ा 500 और 550 के बीच रहा है।
बारिश ने दिया जीवनदान
तुलसी कृषि विज्ञान केंद्र गनीवां के प्रमुख व वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डा. नरेंद्र ¨सह ने कहा कि हाल ही में हुई बारिश ने खरीफ की फसलों को जीवनदान दे दिया है। अब अरहर, उर्द, मूंग, ज्वार की फसलों को कोई खतरा नहीं है। धान की फसल के लिए पानी की जरूरत पड़ेगी। उन्होंने कहा कि जिले में काली मिट्टी की अधिकता है। काली यानी भारी मिट्टी में रबी की फसलें भी अब हो जाएगीं। हल्की मिट्टी के लिए जरूर सितंबर के अंत तक बारिश की जरूरत होगी। खरीफ की धान की फसल के लिए अभी और बारिश की जरूरत पड़ेगी।