उत्तम औषधि है बरगद, हिदू पौराणिक कथाओं में पूज्य
जागरण संवाददाता चित्रकूट बरगद हमारा राष्ट्रीय वृक्ष है। हिदू पौराणिक कथाओं में पवित्र
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : बरगद हमारा राष्ट्रीय वृक्ष है। हिदू पौराणिक कथाओं में पवित्र एवं पूज्य है। बरगद से कई मान्यताएं जुड़ी हैं इसके जड़ में ब्रह्मा जी, मध्य भाग में भगवान विष्णु जी और अग्रभाग शाखा में भगवान शिव जी का वास है। एक बरगद का पौधा लगाने से एक यज्ञ जितना पुण्य मिलता है। यह लंबे समय तक नष्ट नहीं होता। इसकी उम्र लगभग 500 वर्ष से अधिक होती है इसीलिए इसे अक्षय वट भी कहते हैं। वट वृक्ष के नीचे सावित्री ने पति को किया था जीवित
गायत्री शक्तिपीठ के डॉ रामनारायण त्रिपाठी बताते हैं कि वट वृक्ष के नीचे सती सावित्री ने अपने पति को पुन: जीवित किया था। बरगद को तभी वट सावित्री पूजन शुरू हुआ। जेष्ठ मास की अमावस्या को वट सावित्री का पूजा सौभाग्यशाली स्त्रियां अपने पति की लंबी आयु घर में सुख शांति समृद्धि के लिए करती हैं। व्रत रख पेड़ के चारों ओर रक्षा सूत्र बांधती हैं यह दीर्घायु का सूचक है। आने वाली दस जून को यह अमावस्या पड़ रही है जिसमें गांव-गांव शहर-शहर सुहागिन वट सावित्री पूजन करेंगे। यह है प्राकृतिक एसी
प्राकृतिक संस्थान प्रयागराज रेकी सेंटर के मास्टर सतीश राय कहते हैं कि बरगद का पेड़ हमेशा हरा भरा रहता है इसकी सघन छाया होती है गर्मियों में इसके नीचे शीतलता मिलती है तो जाड़े में ठंड नहीं लगती। यह ओस से बचाता है। यह प्राकृतिक एसी है जो गर्मी में ठंडा और जाड़े में ठंड से बचाता है। 'वट सावित्री के पूजन को अभी बरगद के पेड़ नगर में मिल जाते हैं लेकिन सड़कों के चौड़ीकरण में तमाम विशाल वृक्ष नष्ट हो गए हैं। इस अमावस्या में एक पौधा बरगद को रोपित करेंगी।' रेखा शिवहरे (गृहणी) - शंकर बाजार कर्वी 'बरगद अनादि कल से भारतीय संस्कृति में अक्षय पूण्य देने वाला वृक्ष है। क्योकि ये वृक्ष सर्वाधिक आक्सीजन देने वाला है। उनके घर में तो विशाल वृक्ष के लिए जगह नहीं है पार्क में जरूर एक पौधा लगाएंगी।' लक्ष्मी केशरवानी - पुरानी बाजार कर्वी 'बरगद का वृक्ष पांच गुना आक्सीजन देता है। इसको एक मायने पर प्राण वायु का सिलेंडर कह सकते हैं। कोरोना काल में ऐसे वृक्षों से ही पर्यावरण को बचा जा सकता है। इसलिए सरकार भी बरगद, पीपल, नीम आदि के पौधारोपण पर जोर दे रही है।' कैलाश प्रकाश - प्रभागीय वनाधिकारी चित्रकूट