बालाजी मंदिर का विवादों से पुराना नाता
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जागरण संवाददाता, चित्रकूट : मुगल शासक औरंगजेब के बनाए बालाजी मंदिर का विवादों के पुराना नाता है। मंदिर की संपत्ति पर तमाम लोगों के अवैध कब्जे है तो उसके संचालक आपस में लड़ रहे है हालांकि अब तहसीलदार के पास मंदिर की पावर आफ एटार्नी है। यह अधिकार तहसीलदार को तीन साल पहले मिला था। जब महंती को लेकर अर्जुनदास और मंगलदास लड़ गए थे न्यायालय में महंती का विवाद ले गए थे। इसके अलावा तमाम अवैध कब्जाधारक भी कोर्ट में है। अर्जुनदास पर दर्ज हुआ दुष्कर्म का मामला
दो साल पहले अर्जुनदास पर हमीरपुर की एक महिला ने दुष्कर्म का आरोप लगा था। कर्वी कोतवाली में मामला दर्ज हुआ था हालांकि जांच के बाद मामले में एफआर लग गई थी। उस समय भी यह बात सामने आई थी कि मंगलदास के इशारे में महिला ने मामला दर्ज कराया था। उसी स्थान पर हुई हत्या
महिला ने जिस स्थान पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था। ठीक उसी स्थान पर महंत अर्जुनदास की गोलीमार कर हत्या की गई है। आज लोगों के बीच इस बात की चर्चा रही। कुर्क के कारण बची है संपत्ति
विवाद के कारण तहसील में मंदिर की संपत्ति कुर्क है जिससे वह बची है। मंदिर के संचालन के लिए मुगल शासक ने जारोमाफी में दो सौ बीघा जमीन दी थी। जिसको बेंचने के फिराक में कुछ लोग थे लेकिन कुर्क होने के कारण यह जमीन सुरक्षित है। संस्कृत विद्यालय में नियुक्त का विवाद
बालाजी मंदिर का संस्कृत विद्यालय भी है जिसमें एक साल पहले कुछ शिक्षकों की नियुक्त हुई थी। उसमें आरोप लगे थे कि मोटी रकम ली गई है। उसका भी विवाद चल रहा है। बताते है कि कुछ दिन पहले महंत से उसको लेकर भी विवाद हुआ था।