फोन के बाद भी नहीं आई एंबुलेंस, ई-रिक्शा में प्रसव
जागरण संवाददाता चित्रकूट एंबुलेंस में आक्सीजन सिलिंडर नहीं होने से प्राइवेट नर्स के मौत की
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : एंबुलेंस में आक्सीजन सिलिंडर नहीं होने से प्राइवेट नर्स के मौत की जांच पूरी भी नहीं हुई थी कि मंगलवार को एंबुलेंस सेवा की एक और लापरवाही सामने आ गई। फोन के बाद भी एंबुलेंस नहीं आई और प्रसूता ने ई-रिक्शा में बच्चे को जन्म दे दिया। हालांकि जच्चा-बच्चा दोनों ही स्वस्थ हैं।
बांदा जिला के विसंडा निवासी अरुण कुमार की 25 वर्षीय पत्नी वंदना रक्षाबंधन में अपने मायके कर्वी कोतवाली के नई दुनिया बनकट में आई थी। गर्भवती वंदना को मंगलवार दोपहर 12 बजे प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। स्वजन ने एंबुलेंस को फोन किया, लेकिन काफी देर इंतजार के बाद भी एंबुलेंस नहीं पहुंची। पीड़ा बढ़ती देख घर के लोग वंदना को ई रिक्शा में बिठाकर जिला अस्पताल के लिए चले। जैसे ही ई रिक्शा अस्पताल के गेट पर पहुंचा तो ई-रिक्शा में प्रसव हो गया। यह पता चलते ही अस्पताल के कर्मचारियों ने दौड़कर ई रिक्शा के चारों ओर पर्दे लगा दिए। फिर प्रसव की प्रक्रिया पूरी कराने के बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया।
सीएमओ डॉ. विनोद कुमार यादव ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है। यदि शिकायत मिलती है तो जांच कराएंगे। हालांकि उन्होंने कहा कि यदि ऐसा हुआ है तो परिवार की भी लापरवाही है। उन्हें प्रसव से 12 घंटे पहले ही गर्भवती को अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए था।