हवाई उड़ान की बाधाएं खत्म, काम पर फोकस
-???????? ???? ????? ?? ??????????? ?? ???? ?? ???? -???? ???????? ?? ?? ???? ??? ???????? ????????? ????? ????????? ???????? ?? ???? ???? ???????? ?? ???? ????? ?? ??? ?????? ???? ?? ?? ???? ???? ???? ????? ???? ???? ?? ?? ??? ??? ?? ??? ???????? ???????? ?? ???????? ?????? ???? ????? ?? ??? ???????? ???? ????? ??????????? ?? ??? ?? ???? ???? ?? ??? ???? ????? ?? ??? 31 ?????? ????? ?? ?? ?? ??? ????? ???? ?? ??????? ?? ???????? ?????????
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : अब धर्म नगरी चित्रकूट से हवाई उड़ान की सभी बाधाएं खत्म हो गई हैं। इससे जल्द उड़ान शुरू होने की आस जगी है। वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से अनापत्ति प्रमाण पत्र मिलने के बाद देवांगना हवाई पट्टी विस्तारीकरण के काम ने तेजी पकड़ ली है। हवाई उड़ान के लिए 31 दिसंबर मियाद तय की गई है। इसलिए डीएम के निर्देश पर प्रतिदिन मानीटरिग भी हो रही है। दो साल लटका रहा विस्तारीकरण का काम
वर्ष 2012 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने देवांगना हवाई पट्टी का निर्माण कराया था। इसके बाद विस्तारीकरण में इसको साढ़े तीन किलोमीटर करने को लेकर स्वीकृति मिली। वर्ष 2016 से यहां पर काम ठप हो गया। वर्ष 2018 में दैनिक जागरण ने मुद्दे को उठाया। इसके बाद केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से देवांगना हवाई पट्टी विस्तारीकरण में आड़े आने वाले पेड़ हटाने को लेकर अनुमति मिली। इस बीच करीब दो साल तक काम ठप रहा। इससे हवाई उड़ान में देरी हुई। अब हवाई पट्टी विस्तारीकरण के साथ टर्मिनल बनाने का काम प्रगति पर है। यह होंगे फायदे
-लखनऊ और दिल्ली से होगा सीधा जुड़ाव।
-पर्यटकों को आवाजाही में मिलेगी सहूलियत।
-चित्रकूट आने वालों की संख्या में होगा इजाफा।
-वाराणसी, खजुराहो से भी जोड़ने में मिलेगी मदद। इनका कहना है
देवांगना हवाई पट्टी के विस्तारीकरण को लेकर लगातार मानीटरिग की जा रही है। इससे निकट भविष्य में चित्रकूट के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
-शेषमणि पांडेय, जिलाधिकारी चित्रकूट।