मतदाता अब वीवीपैट मशीन को दे सकेंगे चुनौती
वीवीपैट मशीन को लेकर मतदाताओं के संशय को दूर करने को आयोग ने नई व्यवस्था की है। अब मतदाता दो रुपये शुल्क जमा कर वीवीपैट मशीन को चुनौती कर सकेंगे। आयोग ने ऐसा करने वाले मतदाता को कानून-कायदे से भी बांध दिया है। दरअसल मतदान के दौरान ईवीएम व वीवीपैट मशीन को लेकर सवाल व हंगामे की नौबत न उत्पन्न हो इसके लिए आयोग ने मत पुष्टि कराने को ईवीएम में ही व्यवस्था करवा दी। ताकि मतदाता की शिकायत पर समाधान कराया जा सके।
जासं, चकिया (चंदौली) : वीवीपैट मशीन को लेकर मतदाताओं के संशय को दूर करने को आयोग ने नई व्यवस्था की है। अब मतदाता दो रुपये शुल्क जमा कर वीवीपैट मशीन को चुनौती दे सकेंगे। आयोग ने ऐसा करने वाले मतदाता को कानून-कायदे से भी बांध दिया है। दरअसल, मतदान के दौरान ईवीएम व वीवीपैट मशीन को लेकर सवाल व हंगामे की नौबत न उत्पन्न हो, इसके लिए आयोग ने मत पुष्टि कराने को ईवीएम में ही व्यवस्था करवा दी। ताकि मतदाता की शिकायत पर समाधान कराया जा सके।
निर्वाचन के दौरान किसी मतदाता को यह लगता कि उसने पसंदीदा प्रत्याशी को वोट दिया। लेकिन, वीवीपैट मशीन अन्य प्रत्याशी का चुनाव चिन्ह दिखा रहा है तो मतदाता मतदान अधिकारी से शिकायत दर्ज करा सकेंगे। अधिकारी मतदाता की शंका का समाधान करेंगे। उसका प्रिट निकलवा कर मतदाता को आश्वस्त किया जाएगा कि उसने जिसे वोट दिया है उसी को मिला है। बशर्ते, चुनौती गलत साबित होने पर मतदाता को छह महीने के लिए जेल जाना पड़ सकता है। अबकी लोस चुनाव में एम-3 ईवीएम मशीन का इस्तेमाल हो रहा। यह मशीन पूरी तरह टेंपर प्रूफ (छेड़छाड़ विरोधी) है। खास यह कि जिले के 1533 मतदेय स्थलों पर ईवीएम से इस बार वीवीपैट मशीनें जुड़ेंगी। इसके स्क्रीन पर दल का नाम व क्रम संख्या सात सेकंड तक प्रदर्शित होता रहेगा। निर्वाचन विभाग के मुताबिक, यदि कोई मतदाता मशीन में गड़बड़ी से प्रत्याशी को वोट न पड़ने का आरोप लगाते हुए चुनौती देता है तो बूथ पर मौजूद एजेंटों के समक्ष वीवीपैट का ट्रायल होगा। आरोप सही नहीं पाए जाने पर उस मतदाता के विरुद्ध आइपीसी व लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। सुरक्षाकर्मी बूथ पर ही उसे हिरासत में ले लेंगे। ''चुनाव में पारदर्शिता लाने को आयोग गंभीर है। सभी बूथों पर ईवीएम से वीवीपैट मशीन को जोड़ा जाएगा। दो रुपये शुल्क जमा कर कोई मतदाता ट्रायल कर सकता है। यह व्यवस्था इसलिए की गई है ताकि कोई मतदाता, प्रत्याशी व समर्थक फर्जी संदेह पैदा कर हंगामा न कर सके।''
-बच्चालाल, एडीएम/उप जिला निर्वाचन अधिकारी