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सैलानियों को लुभाने लगीं वनांचल की वादियां

धान के कटोरे में मानसून के आगाज ने वनांचल की हरियाली में चार-चांद लगा दिया है। पिछले तीन दिनों से हो रही छिटपुट बारिश से जहां कल तक सूनी पहाड़ियों की हरियाली लौट आई है वहीं झरनों के कल-कल नाद व पक्षियों के कलरव से वातावरण खुशनुमा हो गया है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 17 Jun 2020 05:45 PM (IST)Updated: Wed, 17 Jun 2020 05:45 PM (IST)
सैलानियों को लुभाने लगीं वनांचल की वादियां

जागरण संवाददाता, चंदौली : धान के कटोरे में मानसून के आगाज ने वनांचल की हरियाली में चार-चांद लगा दिया है। पिछले तीन दिनों से हो रही छिटपुट बारिश से जहां कल तक सूनी पहाड़ियों की हरियाली लौट आई है, वहीं झरनों के कल-कल नाद व पक्षियों के कलरव से वातावरण खुशनुमा हो गया है। रिमझिम फुहारों के बीच सैकड़ों फीट ऊंचाई से गिरते झरनों का जल लोगों का मन मोहने लगा है। कोरोना संक्रमण के बीच अनलाक-वन से सैलानियों का जत्था भी वनांचल की वादियों को निहारने पहुंचने लगा है। हालांकि अभी पूर्व की भांति भीड़ देखने को नहीं मिल रही है।

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पिछले दो माह से सूरज के ताप व भीषण गर्मी के चलते वनों की हरियाली पूरी तरह गायब हो गई थी। ऊंची पहाड़ियों पर स्थित वृक्ष बेजान हो गए थे। दूर-दूर तक केवल तन्हाई का ही आलम देखने को मिल रहा था। वनों में निवास करने वाले वन्य जीव भी गर्मी के ताप से बेचैन थे लेकिन रविवार से रूक-रूक कर हो रही हल्की बारिश से मौसम पूरी तरह सुहाना हो गया है। कर्मनाशा व चंद्रप्रभा नदी में बांध का जलस्तर बढ़ने से वनों की सुंदरता और बढ़ गई है। राजदरी-देवदरी जल प्रपात सहित औरवांटाड़, मूसाखाड़, चंद्रप्रभा बांध, लतीफशाह बीयर में पानी की उपलब्धता बनी हुई है। ऐसे में चहुंओर हरियाली के बीच जलप्रपात अपनी नैसर्गिक सुंदरता बिखेरने लगे हैं। पक्षियों की चहचहाहट व वन्य जीवों के विचरण से जंगल का सन्नाटा टूट गया है।


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