सहजन खाएं, कुपोषण व कमजोरी भगाएं
जागरण संवाददाता, चंदौली : महिला व बाल विकास विभाग की ओर से सोमवार को विकास भवन सभागार में प्रशिक्षण
जागरण संवाददाता, चंदौली : महिला व बाल विकास विभाग की ओर से सोमवार को विकास भवन सभागार में प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। इसमें सीडीपीओ व सुपरवाइजर को गर्भवती महिलाओं व कुपोषित बच्चों की देखभाल व इलाज के बेहतर तरीके बताए गए। शारीरिक कमजोरी व कुपोषण से निजात को सहजन व पौष्टिक आहार के सेवन के लिए ग्रामीणों को जागरूक करने की सलाह दी।
प्रशिक्षक ने कहा जन्म के समय, छह माह की उम्र पूरी करने व बीमारी के दौरान शिशुओं को अलग-अलग आहार देना चाहिए। पौष्टिक आहार की कमी के चलते बच्चे जन्म के कुछ दिनों बाद ही एनीमिया की बीमारी से ग्रसित हो जाते हैं। प्रसूताएं भी बीमारियों की चपेट में आ जाती हैं। कुपोषण व बीमारियों की रोकथाम के लिए जागरूकता जरूरी है। विभाग की ओर से कुपोषण की रोकथाम को तमाम कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। माह के विशेष दिनों पर विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। इसके जरिए लोगों को पौष्टिक आहार के सेवन को प्रेरित किया जा रहा है। शरीर में आयरन की कमी एनीमिया की बीमारी फैलने का सबसे बड़ा कारण है। सहजन के सेवन से आयरन की भरपूर मात्रा शरीर में पहुंचती है। इसके अलावा आंवला में भी रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है। यदि लोग अपने आसपास आसानी से मिलने वाली इन सब्जियों व पौष्टिक आहार का सेवन करें तो बीमारी की गुंजाइश काफी हद तक समाप्त हो जाएगी। कहा सुपरवाइजर आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के जरिये गांव-गांव लोगों को पौष्टिक आहार के सेवन के लिए जागरूक करें। साथ ही गर्भवती महिलाओं व किशोरियों में आयरन की गोली का वितरण कराया जाए। सीडीपीओ आंगनबाड़ी केंद्रों का समय-समय पर निरीक्षण कर योजनाओं का सही ढंग से क्रियान्वयन सुनिश्चित कराएं ताकि राज्य पोषण मिशन को गति मिल सके।