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आज पं. दीनदयाल के विचारों व सिद्धांतों को जानने पहुंचेंगे कई मुख्यमंत्री

पड़ाव (चंदौली) राष्ट्रवादी चितक विचारक व एकात्म मानववाद के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय की स्मृति से वाराणसी-चंदौली की सीमा पर स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति स्थल संग्रहालय में मंगलवार को प्रदेश के लगभग 12 मुख्यमंत्री पहुंचेंगे।

By JagranEdited By: Published: Mon, 13 Dec 2021 06:55 PM (IST)Updated: Mon, 13 Dec 2021 06:55 PM (IST)
आज पं. दीनदयाल के विचारों व सिद्धांतों को जानने पहुंचेंगे कई मुख्यमंत्री

जागरण संवाददाता, पड़ाव (चंदौली) : राष्ट्रवादी चितक, विचारक व एकात्म मानववाद के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय की स्मृति से वाराणसी-चंदौली की सीमा पर स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति स्थल संग्रहालय में मंगलवार को प्रदेश के लगभग 12 मुख्यमंत्री पहुंचेंगे। यहां पं. दीनदयाल जी के विचारों व सिद्धांतों को जानकर वे अभिभूत होंगे। एक ही दिन में एक दर्जन मुख्यमंत्रियों के आने का रिकार्ड भी बनेगा। स्मृति संग्रहालय में स्थापित 63 फीट ऊंची प्रतिमा के समक्ष शीश नवाएंगे और पुष्प अर्पित करेंगे। साथ ही स्मृति स्थल में इंटरप्रिटेशन वाल पर कलाकृतियों के माध्यम से उकेरे गए पंडित जी के विचारों और सिद्धांतों को जानेंगे। मुख्यमंत्री एकात्म मानववाद के सिद्धांतों को आत्मसात कर विश्वभर में फैलाने का संकल्प भी लेंगे। काशी विश्वनाथ धाम का शुभारंभ कार्यक्रम के समापन के अगले दिन मुख्यमंत्रियों के आने का सिलसिला शुरू होगा। यहां पहले से ही सुरक्षा की ²ष्टि से व्यापक इंतजाम किए गए है। संग्रहालय में सौ लोगों को बैठने की व्यवस्था की गई है। वहीं दो दिन के लिए आम जनता के लिए संग्रहालय को बंद कर दिया गया है।

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मुगलसराय जंक्शन का नाम पांच अगस्त 2018 को केंद्रीय रेलमंत्री पीयूष गोयल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन करने के साथ इस स्मारक की आधारशिला रखी गई थी। मुगलसराय नगर का नाम भी पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर प्रदेश सरकार ने कर दिया है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जीवन के आखिरी पड़ाव का रिश्ता इस इलाके में रहा है। 11 फरवरी 1968 को मुगलसराय रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या एक के पश्चिमी छोर पर एक पोल (संख्या 673/1276) के पास उनका शव रहस्यमय परिस्थितियों में पाया गया था। केंद्र के साथ प्रदेश में बीजेपी सरकार बनने के बाद मुगलसराय का नाम पंडित दीनदयाल उपाध्याय करने के साथ इस दिशा में यह स्मारक तैयार हुआ है। इस स्मारक में प्रतिमा के साथ संग्रहालय, प्रदर्शनी, कुंड का निर्माण किया गया है। दीवारों पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जीवन सिद्धात और आदर्श वाक्य को उकेरा गया है। पुलिस की ओर से सुरक्षा व्यवस्था का तैयारी की गई है।


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