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समूह की महिलाओं को अब मेरी सहेली का साथ

चंदौली समूह की महिलाओं को अपना उत्पाद बेचने के लिए चक्कर नहीं काटने होंगे।

By JagranEdited By: Published: Fri, 19 Nov 2021 03:12 PM (IST)Updated: Fri, 19 Nov 2021 03:12 PM (IST)
समूह की महिलाओं को अब मेरी सहेली का साथ

जागरण संवाददाता, चंदौली : समूह की महिलाओं को अपना उत्पाद बेचने के लिए चक्कर नहीं काटने होंगे। महिलाएं मेरी सहेली प्लेटफार्म के जरिए अपना उत्पाद आनलाइन बेच सकेंगी। ग्राम्य विकास विभाग ने इसके लिए अलग-अलग संस्थाओं के साथ मिलकर रणनीति बनाई है। इससे ग्रामीण उत्पाद के डोर स्टेप डिलीवरी की सुविधा मिल सकेगी। वहीं समूह की महिलाओं को अलग-अलग उत्पाद बनाने, ब्रांडिग व मार्केटिग के टिप्स भी दिए जाएंगे। शासन की मंशा है कि गरीब महिलाएं समूह से जुड़कर सालाना न्यूनतम 50 से 60 हजार की आय कर सकें। इससे महिलाओं की माली हालत सुधरेगी। वहीं वोकल फार लोकल की मुहिम को भी बल मिलेगा।

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समूह की महिलाएं तमाम तरह के उत्पाद तैयार करती हैं। महिलाएं दीया-बाती, अगरबत्ती, ड्रेस व मास्क सिलाई, अचार-मुरब्बा आदि बनाने का काम करती हैं। त्योहारों पर राखी, गोबर के दीए व अन्य तरह के उत्पाद बताती हैं। हालांकि महिलाओं को बाजार ढूंढने में दिक्कत होती है। मेरी सहेली अब उनकी इस समस्या का समाधान कर देगा। महिलाओं को उत्पादों की बिक्री के लिए आनलाइन बाजार तलाशा जाएगा। महिलाएं घर बैठे अपने उत्पाद बेच सकती हैं। उन्हें कहीं भटकना नहीं होगा।

जिले में चार हजार समूहों से जुड़ी 80 हजार महिलाएं

जिले में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत चार हजार से अधिक स्वयं सहायता समूहों का गठन किया गया है। इन समूहों से लगभग 80 हजार महिलाएं जुड़ी हुई हैं। महिलाएं स्वरोजगार कर आत्मनिर्भर बनने के लिए लगातार हाथ-पांव मार रही हैं। बाजार की बाधा दूर होने के बाद अब उनकी उम्मीदों को पंख लग जाएंगे।

कुपोषण से जंग में बनीं सहभागी

समूह की महिलाएं हर मुश्किल घड़ी में साथ खड़ी नजर आईं। कोरोना से निबटने के लिए दिन-रात एक कर मास्क बनाए। मास्क तैयार करने में जिले को प्रदेश में पांचवें स्थान पर पहुंचा दिया। ऐसे में भला कुपोषण से जंग में कैसे पीछे रह सकती हैं। लगभग 12 हजार महिलाओं को चारों ब्लाकों में न्यूट्रिमेक्स प्लांट में दलिया व पुष्टाहार बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

' समूह की महिलाओं के लिए मेरी सहेली प्लेटफार्म काफी कारगर साबित होगा। महिलाएं आनलाइन ढंग से अपने उत्पादों की बिक्री कर सकेंगी। इससे स्वरोजगार को बढ़ावा मिलेगा।

धर्मजीत सिंह, उपायुक्त स्वत: रोजगार


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