वरिष्ठ अधिवक्ताओं की सूझबूझ ने टाला बड़ा टकराव
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय कक्ष से शुक्रवार को आरोपित को गिरफ्तार करने की कोशिश अधिवक्ताओं और पुलिस के बीच बड़े टकराव का कारण बन सकती थी। लेकिन लोगों के बीच-बचाव करने व वकीलों के धैर्य बनाए रखने से मामला टल गया। वरना दिल्ली के 30 हजारी कोर्ट सरीखे हालात पैदा होने से इंकार नहीं किया जा सकता था। घटना को लेकर अधिवक्ताओं में आक्रोश व्याप्त है। पुलिस बैकफुट पर है एहतियात के तौर पर कचहरी परिसर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। नई दिल्ली के 30 हजारी कोर्ट
जागरण संवाददाता, चंदौली : मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय कक्ष से शुक्रवार को आरोपित को गिरफ्तार करने की कोशिश अधिवक्ताओं और पुलिस के बीच बड़े टकराव का कारण बन सकती थी। लेकिन लोगों के बीच-बचाव करने व वकीलों के धैर्य बनाए रखने से मामला टल गया। वरना दिल्ली के 30 हजारी कोर्ट सरीखे हालात पैदा होने से इन्कार नहीं किया जा सकता था। घटना को लेकर अधिवक्ताओं में आक्रोश है। पुलिस बैकफुट पर है, एहतियात के तौर पर कचहरी परिसर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
हाल ही नई दिल्ली के 30 हजारी कोर्ट में अधिवक्ता और पुलिस के बीच मामूली विवाद से बढ़े बड़े बवाल का उदाहरण सामने है। कुछ ऐसे ही हालत शुक्रवार को सदर कचहरी में भी पैदा हो सकते थे लेकिन वरिष्ठ अधिवक्ताओं की सूझबूझ से टकराव टल गया। मुकदमा दर्ज करने के बाद जिस आरोपित को गिरफ्तार करने में पुलिस नाकाम रही उसे न्यायालय में समर्पण के दौरान गिरफ्तार करने कैलावर चौकी प्रभारी रमेश प्रताप सिंह फिल्मी अंदाज में पहुंचे और कोर्ट रूम से खींचने लगे। अधिवक्ताओं की मानें तो आरोपित कोर्ट रूम में पहुंच चुका था लेकिन चौकी प्रभारी व वादी गमछा का फंदा बनाकर उसे कोर्ट रूम से बाहर खींचने लगे लेकिन सीजेएम कोर्ट का दरवाजा पकड़कर उसने अपने को बचा लिया। यही नजारा देख वकील आक्रोशित हो उठे थे। सिविल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष महेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि कोर्ट रूम से आरोपित की गिरफ्तारी का प्रयास निदनीय है। अधिवक्ता इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।